ऐसे मात्र भारत में ही हो सकता है ! जिसे मार्ग ही ज्ञात नहीं है, ऐसे चालक को प्राणवायु (ऑक्सिजन) लाने के लिए कैसे भेजा ? इससे कोरोना के विरोध में संघर्ष व्यवस्था से संबंधित घटक वास्तविक रूप में कितने गंभीर है, यह स्पष्ट होता है !
भाग्यनगर (हैदराबाद) – यहां एक प्राणवायु टैंकर के मार्ग खो जाने के कारण, ७ कोरोना बाधितों को प्राणवायु की आपुर्ती होने में विलंब हुआ । इसलिए उन्हें अपना प्राण गवाने पडे । यहां के किंग कोटी चिकित्सालय में कोरोना बाधित रोगियों के उपचार चल रहे थे । उनमें से ७ रोगियों की हालत गंभीर थी । उन्हें तत्काल प्राणवायु की आवश्यकता थी । प्राणवायु का प्रवाह अल्प हो जाने के कारण रोगियों ने प्राण त्याग दिए ।
अस्पताल प्रशासन ने, अस्पताल के प्राणवायु की टंकी से अल्प प्रवाह से आपुर्ती होने की सूचना दी थी । यह ध्यान में रखते हुए प्राणवायु की व्यवस्था भी की गई थी ; मात्र यह टंकी भरने के लिए गया हुआ टैंकर अपना मार्ग खो बैठा एवं प्राणवायु के अभाव में ७ लोगों की मृत्यु हो गई । नारयानगुडा पुलिस ने मार्ग खोए हुए टैंकर को मार्ग दिखाने का प्रयास भी किया ; परंतु टैंकर आने तक बहुत विलंब हो चुका था ।