रमजान के काल में कोरोना नियमों का उल्लंघन कर भीड की जाती है, मस्जिद में जाकर नमाज पठण किया जाता है । इससे कोरोना का संक्रमण नहीं होता है क्या ? कोरोना का संक्रमण बढाने के लिए सरकार को उत्तरदायी ठहराते समय ओवैसी को स्वयं के धर्मबांधवों को सुनाने का भी साहस दिखाना चाहिए !
भाग्यनगर (हैदराबाद, तेलंगाना) – “देश में कोरोना महामारी नियंत्रण के परे जाने के लिए मात्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही उत्तरदायी हैं । आपने विगत वर्ष लोगों को थालियां एवं तालियां बजाने के लिए कहा था, उससे क्या साध्य हुआ ? देश से कोरोना भाग गया क्या ? प्रधानमंत्री मोदी ने चिकित्सालयों की सुविधा क्यों नहीं बढाई ? केंद्र सरकार तब से सो रहा था क्या ? देश की राजधानी में ऑक्सीजन क्यों अल्प पड रहा है ? आप ‘आत्मनिर्भर भारत’ हैं, तो सौदी अरब, रूस एवं अन्य देशों की सहायता क्यों ले रहे हैं ?”, ऐसे शब्दों में एमआईएम के अध्यक्ष एवं सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने प्रधानमंत्री मोदी की आलोचना की है ।
ओवैसी द्वारा केंद्र सरकार की आलोचना !
१. मृतकों को दफनाया जा रहा है । शवों के अंतिम संस्कार किए जा रहे हैं । मोदी सरकार को रक्त की सुगंध आ रही है । मोदी सरकार अदृश्य हो गई है ।
२. यदि हमारे पास सांसद निधि होती, तो हम लोगों को प्राणवायू (ऑक्सीजन) या औषधियां दे सकते थे ; परंतु अब कुछ भी नहीं है । मोदी सरकार को पीएम केअर्स फंड से पैसा निकालकर राज्य सरकारों को देना चाहिए ताकि वे कोरोना टीकाकरण को गति दे सकें ।
३. वर्तमान में देश में कोरोना टीके की अल्पता के संदर्भ में चर्चा चल रही है । यदि ऐसा हो तो, इसके पूर्व ही
फायझर आस्थापन को भारत में टीका उत्पादित करने की अनुमति क्यों नहीं दी गई ?
४. प्रसार माध्यमों की आलोचना करते हुए ओवैसी ने कहा कि, ‘मोदी के माध्यम चमचों, जाग जाइए । आपके स्वयं के ही लोग मर रहे हैं । अभी तो मोदी का बाजा बजाना बंद कीजिए ।’