मद्रास उच्च न्यायालय ने केंद्रीय चुनाव आयोग को फटकारा !
जो वास्तविकता न्यायालय के ध्यान में आई, उसपर सर्वपक्षीय नेताओं, केंद्र और राज्य सरकारों ने ध्यान क्यों नहीं दिया ? जनसामान्य को लगता है कि, न्यायालय को इसके लिए जिम्मेदार लोगों के विरुद्ध कडी कार्रवाई का आदेश देना चाहिए !
चेन्नई (तमिलनाडु) – “देश में कोरोना की दूसरी लहर आने के लिए आप ही जिम्मेदार हैं ।” मद्रास उच्च न्यायालय ने केंद्रीय चुनाव आयोग (सी.ई.सी.) को यह कहते हुए फटकार लगाई कि, “आपके अधिकारियों के विरोध में हत्या का मामला दर्ज किया जाना चाहिए ।” उच्च न्यायालय के आदेश के बाद भी, चुनाव अभियानों के दौरान मास्क एवं सैनिटाइज़र का उपयोग, सामाजिक दूरी आदि जैसे कोरोना प्रतिबंधक नियमों की धज्जियां उडा दी गई । इसपर न्यायालय ने अप्रसन्नता जताई । यद्यपि इस वर्ष के आरंभ में देश में कोरोना की स्थिति नियंत्रण में थी, तथापि ४ राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनावों के कारण कोरोना का संक्रमण बढ गया । राजनीतिक दलों ने चुनाव प्रचार के लिए बडी रैलियां की हैं । इस उपेक्षा को लेकर उच्चन्यायालय ने चुनाव आयोग को बहुत फटकारा ।
चुनाव अभियान के दौरान आप किस ग्रह पर थे ?
न्यायालय ने पूछा, “आपने राजनीतिक दलों को चुनाव अभियान के दौरान रैलियां करने की अनुमति कैसे दी ? साथ ही, कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए २ मई को मतगणना के दौरान आप क्या उपाय करने जा रहे हैं ?”, ऐसा उन्होंने पूछा । ‘मतगणना के समय कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए उपाय व नियोजन का ब्योरा प्रस्तुत करें, अन्यथा हम २ मई को मनगणना बंद कर देंगे’, उन्होंने चेतावनी दी।
जनता के आरोग्य को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए !
उच्च न्यायालय ने आगे कहा कि, ‘देश की जनता के स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए ।’ संवैधानिक संस्थानों को इस बात की याद दिलाने की जरूरत पड रही है, यह दुर्भाग्यपूर्ण है । मतदान करना लोगों का अधिकार है । यह उन्हें लोकतंत्र द्वारा दिया गया है ; किन्तु इसका उपयोग वे केवल तभी कर सकते है जब जीवित हों । वर्तमान में रक्षा और सुरक्षा को ही सर्वोच्च प्राथमिकता है । बाकी सब इसके बाद आता है ।