गुडी पडवा के दिन बनाई जानेवाली सात्त्विक रंगोली

११ बिंदु  ११ पंक्‍तियां

संदर्भ : सनातन का लघुग्रंथ ‘रंगोली (देवताआेंके तत्त्व आकृष्‍ट एवं प्रक्षेपित करनेवाली सात्त्विक रंगोलियां)’

सूर्यास्‍त के उपरांत तुरंत गुढी उतारें !

     जिस भाव से ब्रह्मध्‍वज की पूजा जाती है, उसी भाव से उसे उतारना चाहिए, तब ही जीव को चैतन्‍य मिलता है । मीठे पदार्थ का भोग लगाकर और प्रार्थना कर ध्‍वजा उतारनी चाहिए । ध्‍वजा पर चढाई हुई सामग्री दैनिक उपयोग में आनेवाली वस्‍तुआें के पास रखें । ध्‍वजा को अर्पण किए हुए फूल और आम के पत्ते बहते पानी में विसर्जित करें । ध्‍वजा सूर्यास्‍त के उपरांत तुरंत नीचे उतारें । सूर्यास्‍त के उपरांत १ से २ घंटे में वातावरण में अनिष्‍ट शक्‍तियां कार्यरत होने लगती हैं । सूर्यास्‍त के पश्‍चात भी ध्‍वजा खडी रहे, तो उसमें अनिष्‍ट शक्‍तियां प्रवेश कर सकती हैं । उन शक्‍तियों का हमें कष्‍ट हो सकता है ।