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बंगाल अर्थात देसी बम बनाने का बडा कारखाना होकर उसकी निर्मिति में तृणमूल कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता आगे हैं, ऐसे अनेक उदाहरण सामने आए हैं; लेकिन इसके विरोध में स्थानीय पुलिस और केंद्रीय जांच एजेंसी कृति क्यों नही करती ? इस प्रकार के बम अनेक वर्षों से कैसे बन रहे हैं ?
सौजन्य -ANI
कोलकाता (बंगाल) – बंगाल के उत्तर २४ परगना के जगदल में १७ मार्च की रात भाजपा सांसद अर्जुन सिंह के घर और कार्यालय पर देसी बम द्वारा आक्रमण किया गया । इस आक्रमण में एक लडके के साथ ३ लोग घायल हुए ।
West Bengal: More than a dozen crude bombs hurled at BJP MP Arjun Singh’s Office-cum residence allegedly by TMC workershttps://t.co/RwX4xk6n57
— OpIndia.com (@OpIndia_com) March 18, 2021
सांसद अर्जुन सिंह ने कहा कि, मेरे कार्यालय ‘मजदूर भवन’ पर शाम को बम फेंके गए । इसके सखथ ही पुलिस की उपस्थिति में मेरे वाहन को लक्ष्य बनाकर बम फेंके गए । लगभग १५ स्थानों पर बम फेंके गए और पुलिस द्वारा लगाए गए सी.सी.टी.वी. कैमरे भी तोडे गए । इलाके की कानून व्यवस्था बिगड़ गई है ।
'Will approach EC': Mukul Roy over bombing incident near MP Arjun Singh's househttps://t.co/kiSYRawYa6 pic.twitter.com/jgu5XZFCGc
— Hindustan Times (@htTweets) March 18, 2021
प्रशासन कहां है ? पुलिस कुछ भी क्यों नहीं कर रही है ? हमले की सूचना चुनाव आयोग को दी जाएगी । यदि पुलिस कार्यवाही नहीं कर सकती है, तो खेल बहुत खतरनाक होगा और तृणमूल कांग्रेस और गुंडे समाप्त हो जाएंगे । ‘लोग मतदान ना करें, इसलिए डर निर्माण किया जा रहा है’, ऐसा आरोप उन्होंने लगाया ।