प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) यहां ३ वर्षीय लडकी का डाक्टरों के अमानवीय व्यवहार से मृत्यु का मामला
ऐसी मांग क्यों करनी पडती है ? असंवेदनशील और अमानवीय अस्पतालों और डॉक्टरों के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की जाती ?
वाराणसी (उत्तर प्रदेश) – प्रयागराज के करेली में रहने वाले मुकेश मिश्री की ३ वर्षीय लडकी खुशी की ७ दिन पूर्व मृत्यु हो गई । यहां के ‘युनाइटेड मेडिसिटी’ अस्पताल में लडकी की सर्जरी करने पर उसके अभिवावकों ने शुल्क न भरने के कारण लडकी के पेट में टांके लगाए बिना ही उसे अस्पताल से बाहर निकालने पर उसकी मृत्यु हो गई थी ।
यह एक प्रकार से हत्या ही है । वर्तमान वैद्यकीय सेवा एक कार्पोरेट व्यवसाय बनने का यह दुष्परिणाम है । इसमें दोषी डाक्टर और कर्मचारी के विरोध में जिलाधिकारी को तत्काल धारा ३०२ के अंतर्गत गुनाह प्रविष्ट करना चाहिए, ऐसा निवेदन स्वास्थ्य सहायता समिति की ओर से वाराणसी जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दिया गया है ।
👉प्रयागराज में निजी अस्पताल ने कर दी हद, पैसे न देने पर बिना पेट टांके लगाए बच्ची को बाहर निकाला, मौत https://t.co/gnG8HEGKNj
— भारत समाचार (@bstvlive) March 6, 2021
इस समय अधिवक्ता अरुण कुमार मौर्य, अधिवक्ता स्वतंत्र तिवारी, ‘जागरूक एक्सप्रेस’ नियतकालिक के पत्रकार श्री. आई.बी. जायसवाल, ‘काशीवार्ता’ के पत्रकार श्री. राजेश सेठ, स्वास्थ्य सहायता समिति के डा. अजय कुमार जायसवाल, सनातन संस्था के श्री. गुरूराज प्रभु और हिंदु जनजागृति समिति के उत्तर प्रदेश और बिहार राज्य समन्वयक श्री. विश्वनाथ कुलकर्णी और श्री. राजन केशरी उपस्थित थे । युनाइटेड मेडिसिटी अस्पताल को बंद करने की मांग इस निवेदन में की गई ।