प्रसिद्ध हिन्दुत्ववादी और पत्रकार फ्रान्सुआ गोतिए का ट्विटर अकाउंट बंद !

  • ट्विटर का हिन्दु-द्वेष और भारतद्वेष एक पुनः फिर उजागर !

  • ब्रिटिश साम्राज्यवाद को चुनौती देने वाली पुस्तक ‘‘ऍन एन्टायर्ली न्यू हिस्ट्री ऑफ इंडिया” लिखने के कारण कार्रवाई करने का संदेह !

  • संप्रभु भारत और सबसे बडे लोकतंत्र को तथाकथित ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता’ की खुराक देनेवाले ट्विटर की यह दोहरी भूमिका नहीं तो और क्या है ? हिन्दुओं, क्या आप समझते हैं कि अब ट्विटर के अहंकार के विरोध में एकजुट होकर उसका विरोध करने की आवश्यकता है !

  • अनेक बार कहा गया है कि, भारत को एक नया सच्चा इतिहास लिखने की आवश्यकता है ; किंतु इसपर कोई कृति नहीं हुई । वास्तव में, इस तरह की कार्रवाई पहले ही सरकारी यंत्रणांओं से अपेक्षित थी ; किंतु यह एक फ्रांसीसी पत्रकार द्वारा किया गया, यह भारतीय प्रशासन के लिए लज्जास्पद है । अब सरकार को ट्विटर से उत्तर मांगना होगा और उसे उसकी जगह दिखानी होगी !

नई दिल्ली : प्रसिद्ध हिन्दुत्वनिष्ट और फ्रांसीसी पत्रकार फ्रान्सुआ गोतिए को बिना किसी पूर्व सूचना के, ट्विटर ने उनका ट्विटर अकाउंट बंद कर दिया है । इसे लेकर हिन्दुत्वनिष्टों में आक्रोश की लहर है । इसके लिए ९ मार्च को हैशटैग #ISupportGautier को ट्विटर ट्रेंड भी बनाया गया ।५ मार्च को केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने फ्रान्सुआ गोतिए द्वारा लिखित एवं ‘गरुडा प्रकाशन’ द्वारा प्रकाशित एक पुस्तक, ‘‘ऍन एन्टायर्ली न्यू हिस्ट्री ऑफ इंडिया” का विमोचन किया था । पुस्तक में गोतिए ने ब्रिटिश साम्राज्यवाद को चुनौती देते हुए कहा है कि, ‘पश्चिमी देशों ने भारत के इतिहास को कैसे तोड मरोड कर चालबाजी से प्रस्तुत किया ।’ यही कारण है कि ट्विटर ने यह कार्रवाई की है, गरुड प्रकाशन के अध्यक्ष श्री. संक्रांत सानू द्वारा यह वक्तव्य दिया गया है ।

गोतिए ने इससे पहले कश्मीरी हिन्दुओं के नरसंहार, औरंगजेब की क्रूरता आदि के वास्तविक इतिहास को विश्व मंच पर प्रस्तुत किया था ।

फ्रान्सुआ गोतिए द्वारा लिखित पुस्तक ‘ऍन एन्टायर्ली न्यू हिस्ट्री ऑफ इंडिया’ का संक्षिप्त परिचय !

आज जो भारतीय इतिहास प्रचलित है, उसे पश्चिमी इतिहासकारों और उनके समर्थक भारतीय विद्वानों ने यह मानते हुए लिखा है कि, मानव इतिहास ईसाई धर्म के अनुसार केवल ६००० वर्ष पुराना है । इन इतिहासकारों की मान्यताओं और सिद्धांतों के अनुरूप, भारत में कई ऐतिहासिक तथ्यों को बडे विलंब से दिखाया गया है । आर्यन आक्रमण का झूठा इतिहास भी इसमें आया है ! इसके अलावा, इस तथ्य के बावजूद कि सरस्वती नदी का वेदों में ६० से अधिक बार उल्लेख किया गया है, इन्होंने ने इसे ‘दंतकथा’ के रूप में गलत रूप से प्रस्तुत किया है । इस पुस्तक में, फ्रान्सुआ गोतिए ने राजा अशोक द्वारा कलिंग के युद्ध के बाद एक तपस्या के रूप में बौद्ध धर्म को स्वीकार करने के झूठ को भी उजागर किया । कुल मिलाकर, गोतिए ने इस पुस्तक के माध्यम से भारत का एक नया इतिहास लिखा है, जिसमें प्रत्येक प्रमुख घटना को वैज्ञानिक, भाषाई और आनुवंशिक खोजों के आधार पर प्रस्तुत किया गया है । इस माध्यम से उन्होंने इस तथ्य को सामने लाया कि भारतीय इतिहास बहुत प्राचीन है ।