साइबर आक्रमण द्वारा मुंबई की बिजली आपूर्ति खंडित कराने के दावे पर चीन का स्पष्टीकरण !

(कहते हैं) ‘बिना प्रमाण के लगाए आरोपों का कोई अर्थ नहीं !’

चूंकि, चीन कभी यह स्वीकार नहीं करेगा कि ‘उसने आक्रमण किया है’, इस प्रकार के स्पष्टीकरण का कुछ भी अर्थ नहीं है ! भारत को भी प्रत्युत्तर देते समय बिना प्रमाण मांगे चीन पर वैसा ही आक्रमण करने की आवश्यकता है !

नई दिल्ली : चीन ने सदैव साइबर सुरक्षा का पक्ष लिया है । चीन ने किसी भी साइबर आक्रमण का सर्वथा विरोध किया है । बिना किसी प्रमाण के आक्रमण की संभावना व्यक्त करने के आरोपों का कुछ भी महत्व नहीं है । चीन के विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि, “बिना प्रमाण के आरोप करना ‘दायित्‍वशून्‍यता’ का लक्षण है ।” १२ अक्टूबर २०२० को मुंबई में बिजली की आपूर्ति खंडित हुई थी । अमरिकी समाचार पत्र ने दावा किया था कि, ‘ऐसा चीन द्वारा साइबर आक्रमण के कारण हुआ था ।’ इस बात की पुष्टि महाराष्ट्र के ऊर्जा मंत्री ने भी की थी । इस पृष्ठभूमि में, चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने यह वक्तव्य किया था ।

अमरिका को भारत के साथ खडा होना चाहिए ! -अमरिकी सांसद फ्रैंक पैलोन

वॉशिंगटन (अमरिका ) – ‘अमरिका को अपने सहयोगी (भारत) के साथ खडा होना चाहिए तथा भारत के पावर ग्रिड पर चीन द्वारा किए गए हानिकारक साइबर आक्रमण की निंदा करनी चाहिए’, ऐसे अमरिकी सांसद फ्रैंक पैलोन ने अमरिकी सरकार संबोधित करते हुए कहा है । वे चीन ने साइबर हमले द्वारा मुंबई की बिजली आपूर्ति को बाधित करने के सूत्र पर बोल रहे थे । पैलोन ने आगे कहा कि, ‘बल का प्रयोग कर या डरा-धमका कर चीन को हावी नहीं होने दिया जा सकता ।’

अमरिका के विदेश विभाग ने कहा है कि, ‘भारत के विरुद्ध चीन के षडयंत्र से संबंधित रिपोर्ट हमें अच्छे से ज्ञात है । साइबर संकट का सामना करने के लिए अमरिका सभी देशों को संगठित कर उनके साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध है ।’