मुस्लिमों की छवि सुधारने तथा हिन्दुओं को कट्टरवादी दिखाने के लिए पूर्व मुस्लिम अधिकारी की चाल !
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नई देहली : हिन्दू कट्टरपंथियों का आरोप है कि मुस्लिम जनसंख्या बढाना एक षड्यंत्र का भाग है । इससे वे भारत पर नियंत्रण प्राप्त करना चाहते हैं; परंतु मुझे लगता है कि मुसलमान कभी भी हिन्दू जनसंख्या से आगे नहीं जा पाएंगे । विगत ६० वर्षों में हिन्दू ८४ प्रतिशत से ७९ प्रतिशत तथा मुस्लिम ९ से १४ प्रतिशत हो गए हैं । ऐसी स्थिति होते हुए भी, क्योंकि वर्तमान में मुस्लिम परिवार नियोजन कर रहे हैं, इसलिए मुस्लिमों की संख्या वर्ष २१०० में १८ प्रतिशत से अधिक नहीं होगी, पूर्व केंद्रीय चुनाव आयोग के आयुक्त एसवाई कुरैशी ने एक अंग्रेजी दैनिक के साथ एक साक्षात्कार में यह दावा किया । कुरैशी की नई पुस्तक ‘द पॉपुलेशन मिथ: इस्लाम, फैमिली प्लानिंग एंड पॉलिटिक्स इन इंडिया’ में भारत की जनसंख्या का विश्लेषण किया है । इसमें वे दावा करते हैं कि इस्लाम में परिवार नियोजन के विषय में बताया गया है । (कुरैशी को यह बताना चाहिए कि कुरान में इसका उल्लेख कहां है एवं यह ज्ञात करना भी आवश्यक है कि मुस्लिम धर्मगुरु इस दावे के विषय में क्या कहना चाहते हैं ! – संपादक)
The truth about the 'Muslim rate of growth' & fear of Muslims overtaking India's majority Hindu population is not true, says ex-Chief Election Commissioner @DrSYQuraishi in 'The Population Myth’ to National Affairs Editor @jomalhotra in ThePrint's #SoftCover @HarperCollinsIN pic.twitter.com/OoPhTfztMS
— ThePrintIndia (@ThePrintIndia) February 17, 2021
कुरैशी ने एक साक्षात्कार में कहा कि
१. वास्तविक षड्यंत्र हिन्दुत्ववादी संगठनों का ही है । अधिक बच्चों को जन्म देने के लिए हिन्दू नेता हिन्दुओं से अनुरोध कर रहे हैं । ‘हम ५, हमारे ५०’ जैसी घोषणाएं हमारे विरुद्ध की जा रही हैं । मैं आपको चुनौती देता हूं कि आप ऐसे एक भी मुसलमान को सामने लाएं, जिसकी ५ पत्नियां एवं २५ बच्चे हों । (हिन्दू परिवारों से इस प्रकार का निवेदन करने की आवश्यकता क्यों प्रतीत हुई ? यह सर्वविदित है कि भारत में हिन्दू किनके कारण स्वयं को असुरक्षित समझते हैं । समाज में अनेक मुस्लिम बहुपत्नी हैं । यदि कुरैशी को वे नहीं दिखते हैं, तो शासकीय संस्थाओं को आगे आकर उन्हें ऐसे मुसलमानों से मिलवाना चाहिए ! – संपादक)
TOI Q&A | ‘Islam is the pioneer of the concept of family planning … and it is a myth that polygamy is rampant in India’
Former chief election commissioner SY Quraishi talks to TOI about how majoritarian fears of a demographic skew have no basis in facts: https://t.co/gk58AWoGJ8 pic.twitter.com/bG0ZgFpn3L
— The Times Of India (@timesofindia) February 26, 2021
२. पैगंबर मोहम्मद के समय में, उन्होंने एक व्यक्ति से कहा था कि विवाह तभी करना चाहिए, जब परिवार का व्यय आप कर सकते हो । बहुविवाह पर विचार करते हैं तो हम पाते हैं कि मुसलमानों में अति न्यून बहुविवाह होते हैं । जब एक महिला अनाथ होती है तथा स्वयं का पालन पोषण नहीं कर पाती तथा एक पुरुष के साथ ऐसा होता है, तो वह एक पत्नी होते हुए दूसरा विवाह कर सकता है । इस्लाम इसी एक स्थिति में बहुविवाह को मान्यता देता है । ऐसा होते हुए भी, कुछ लोगों ने इसका अर्थ यह समझ लिया है कि बहुविवाह की अनुमति है; परंतु यह गलत है । साथ ही, यदि एक ही व्यक्ति अनेक विवाह करता है, तो दूसरे पुरुष को विवाह के लिए लडकियां मिलना कठिन हो जाएगा ।
३. पच्चीस वर्ष पूर्व मुझे लगता था कि इस्लाम परिवार नियोजन के विरुद्ध है; परंतु जब मैंने इस्लाम का अध्ययन किया, तो मुझे कुरान में इसके विपरीत जानकारी मिली ।