केंद्र सरकार को उन लोगों के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए भी एक कानून बनाना चाहिए जो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर हिन्दू देवताओं के अपमान का समर्थन करने का प्रयास करते हैं !
प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) – अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर हिन्दू देवताओं का अपमान सहन नहीं किया जा सकता । संविधान के निर्माताओं का उद्देश्य था कि सभी धर्मों का सम्मान हो । वेब शृंखला (सीरिज) में जिस प्रकार धार्मिक भावनाओं की अनदेखी करते हुए धर्म को लक्ष्य बनाकर हिन्दू देवी-देवताओं के दृश्यों को दर्शाया गया है, वह अत्यंत अनुचित है । इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने ‘तांडव’ वेब शृंखला पर अमेजन प्राइम के विषय वस्तु प्रमुख अपर्णा पुरोहित को इन शब्दों में फटकारा ।
The Allahabad High Court, on Thursday, rejected an anticipatory bail plea filed by Amazon Prime Video’s India content head, noting that the show Tandav included scenes which intentionally used names of Hindu deities to convey an “insidious message”. https://t.co/JJx0ke1uYd
— MediaNama.com (@medianama) February 26, 2021
न्यायालय ने उन्हें अंतरिम जमानत देना भी अस्वीकार कर दिया । इसलिए उन्हें अब बंदी बनाए जाने की संभावना है । वेब श्रृंखला तांडव को ‘अमेजन प्राइम’ ओटीटी मंच पर प्रदर्शित किया गया था । हिन्दू देवी-देवताओं का अपमान करने के कारण एक पुलिस परिवाद प्रविष्ट किया गया है ।
#Tandav case : Underlining that western filmmakers have refrained from ridiculing Lord Jesus or the Prophet but the #Hindi filmmakers have done this repeatedly and still doing this most unabashedly with the Hindu Gods and Goddesses, the Allahabad High Court pic.twitter.com/Bc1WPE6zPd
— IndSamachar News (@Indsamachar) February 25, 2021