वर्ष २०२१ के आई.पी.एल. मुकाबले का मुख्य प्रायोजकत्व पुन: चीन की विवो कंपनी को

बी.सी.सी.आई. का देशद्रोह का निर्णय !

  • इसमें बी.सी.सी.आई. की ढोंगी देशभक्ति दिखती है ! बी.सी.सी.आई. को देशभक्ति की अपेक्षा पैसा अधिक महत्व का लगने के कारण उसने पुन: चीन की कंपनी को प्रायोजकत्व दिया, अन्यथा उसने भारतीय या अन्य किसी विदेशी कंपनी को दिया होता ।
  • इस विषय में हस्तक्षेप कर बी.सी.सी.आई. के इस देशद्रोही निर्णय को केंद्र सरकार को पलटना चाहिए और उसे समझाना चाहिए, ऐसी राष्ट्र प्रेमियों की अपेक्षा है !

चेन्नई – लद्दाख के गलवान घाटी में चीन के सैनिकों के साथ हुए संघर्ष के बाद भारत में चीन के विरोध में भारी आक्रोश निर्माण होने लगा था । तब केंद्र सरकार ने चीन की अनेक कंपनियों के साथ समझौते रद्द किए । तभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ का नारा दिया । उसी समय ‘इंडियन प्रीमियर लीग’ अर्थात ‘आई.पी.एल.’ क्रिकेट खेल २०२० के मुख्य प्रायोजकत्व का समझौता भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने (बी.सी.सी.आई. ने) रद्द कर दिया था; लेकिन २०२१ के लिए बी.सी.सी.आई. ने पुन: विवो को आई.पी.एल. खेल का मुख्य प्रायोजक बनाया है ।