गोधरा दंगे के मुख्य आरोपी रफीक हुसैन को १९ वर्षों के पश्चात नियंत्रण में लिया गया !

  • एक संवेदनशील प्रकरण के आरोपी को १९ वर्षों के पश्चात बंदी बनाने वाली पुलिस की (अ)कार्यक्षमता !

  • अब उनका पालन-पोषण करने की अपेक्षा, गुजरात सरकार को त्वरित अभियोग (कोर्ट केस ) चलाकर उन्हें मृत्युदंड देने का प्रयास करना चाहिए !

कर्णावती (गुजरात) – पुलिस ने वर्ष २००२ में राज्य के गोधरा रेलवे स्टेशन पर खडी साबरमती एक्सप्रेस के जिस डिब्बे में कारसेवक थे, उसमें आग लगाकर ५९ कारसेवकों को जीवित जलाने के प्रकरण का मुख्य आरोपी रफीक हुसैन लापता (फरार) था । पुलिस ने उसे १९ वर्षों के पश्चात गोधरा शहर से ही बंदी बनाया है ।

रफीक को तब जाल बिछाकर बंदी बनाया गया, जब वह गोधरा में अपने परिवार से मिलने आया था । उपर्युक्त घटना के समय रफीक गोधरा रेलवे स्टेशन पर एक श्रमिक (मजदूर) के रूप में कार्यरत था ।

&nbsp

;