हिंदुओं के अनेक देवता विज्ञान एवं कला के देवता हैं । यह केवल हिंदू धर्माभिमानियों की आस्था नहीं है, अपितु हिंदू धर्मशास्त्र में भी इसका उल्लेख है । इसलिए, हिंदुओं की अपेक्षा है कि इस प्रकार का निर्णय देते समय न्यायालय सर्वोच्च गुरु शंकराचार्य का अभिमत ध्यान में रखेगी !
चेन्नई: मद्रास उच्च न्यायालय ने ‘मुरुगा’ देवता का ‘तमिल भाषा के देवता’ के तौर पर नामकरण करने की मांग करनेवाली याचिका निरस्त कर दी है । न्यायालय ने आदेश में कहा कि, “संविधान की प्रस्तावना में देश के धर्मनिरपेक्ष स्वरूप पर बल दिया गया है । ऐसी मांग को स्वीकार करने से इस महान राष्ट्र के संघराज्य एवं धर्मनिरपेक्षता की नींव को ही हानि पहुंचेगी । याचिकाकर्ता के पास यह मांग करने का उचित कारण हो सकता है ; परंतु ‘देवता मुरुगा तमिल भाषा के देवता हैं’ इस अनुरोध पर विचार नहीं किया जा सकता ।”
Cannot declare Lord Muruga a "Tamil God", it could damage federal, secular nature of this great Nation: Madras High Court
report by @meera_emmanuel#MadrasHighCourt
https://t.co/do4scbctck— Bar & Bench (@barandbench) February 10, 2021
न्यायालय ने आगे कहा कि, ‘तमिल भाषा के एकमात्र प्रतिनिधि के रूप में केवल देवता मुरुगा को चिन्हांकित करना उचित नहीं होगा । तमिल भाषा विभिन्न साहित्यिक व्यक्तियों के योगदान से समृद्ध हुई है । यह भाषा ईश्वर की प्रशंसा के रूप में विकसित की गई है । हिंदू धर्म में अनेक देवता हैं । एक देवता को तमिल भाषा के एकमात्र प्रतिनिधि के रूप में घोषित करने के प्रयास का अर्थ यह होगा कि देवता मुरुगा के अतिरिक्त अन्य देवताओं की तमिल भाषा में साहित्यिक लेखन के माध्यम से स्तुति नहीं की जा सकती है । इस प्रकरण को देखते हुए याचिका स्वीकार नहीं की जा रही है।’