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नई दिल्ली : पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने देश पर, मुसलमानों को “अलग-थलग” करने के लिए ठोस प्रयास करने का आरोप लगाया है । अंसारी अपनी पुस्तक, ‘बाय मेनी अ हॅपी ॲक्सीडन्ट : रिकलेक्शन ऑफ लाईफ’ के शुभारंभ पर बोल रहे थे ।
Concerted Effort By Some To Regard Muslims As "Others": Hamid Ansari https://t.co/Lxf3DEWgSA pic.twitter.com/ibLFX4NSGO
— NDTV News feed (@ndtvfeed) February 10, 2021
अंसारी ने आगे कहा कि, ‘यह महत्वपूर्ण नहीं है कि हम मुसलमान हैं, यह महत्वपूर्ण है कि हमारे पास व्यावसायिक योग्यता है । क्या मैं इस देश का नागरिक हूं या नहीं ? यदि मैं इस देश का नागरिक हूं, तो मुझे भी उन सभी चीजों का लाभार्थी होने का अधिकार है, जो नागरिकता के कारण किसी को मिलती हैं ।’ (आजादी के बाद के ७४ वर्षों में मुसलमानों को इस देश में अधिक से अधिक सुविधाएं मिली हैं, फिर भी इस तरह का बयान देना कृतघ्नता पूर्ण है ! – संपादक)
(कहते हैं) मुसलमानों को जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है ! ’- कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम
हिन्दुओं को ‘भगवा आतंकवादी’ कहनेवाले चिदंबरम इससे अलग और क्या बोल सकते हैं ? यदि भारत में मुसलमानों को निशाना बनाया गया होता तो भारत में बहुसंख्यक हिन्दुओं द्वारा नरसंहार किया जाता, जैसा कि पाकिस्तान में बहुसंख्यक मुसलमानों द्वारा किया जाता है ; किंतु ऐसा कुछ भी नहीं हुआ । इसके विपरीत, पिछले ७४ वर्षों में मुसलमान ३% से १८% हो गए हैं, यह एक तथ्य है !
इस समय, पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा, “अंसारी और मैं दुखी हूं ; ऐसा इसलिए है, क्योंकि पिछले कुछ वर्षों की घटनाओं से पता चलता है कि मुसलमान खतरे में हैं । उन्हें आनेवाले खतरे के बारे में पता है । इसलिए वे पिछडते जा रहे हैं । भारत में, मुसलमान पहचान वाले लोगों को जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है और वर्तमान शासन उन्हें धूर्तता से निशाना बना रहा है ।