(कहते हैं) मुसलमानों को ‘पराया’ बनाने के लिए ठोस प्रयास जारी हैं ! – पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी का आरोप

  • देश में सभी प्रकार के पदों का उपभोग करने के बाद, सभी कट्टर नेता हमेशा इस तरह के ‘हिन्दू घृणा’ की डकार देने का प्रयत्न करते रहे हैं, उनमें एक अंसारी भी सम्मिलित हो गए हैं ; यही कहना चाहिए !

  • भारत में, मुसलमानों को ‘पराया’ नहीं माना जाता, किंतु सदियों से वे स्वयं अपने आप को ’पराया’ समझते आए हैं । किंतु, फिर भी वे ‘लडके लिया पाकिस्तान, हंसके लेंगे हिन्दुस्तान’ के नारे लगाते रहे हैं ! ‘वंदे मातरम’ कहने से मना करने का अर्थ है कि, इस भूमि का वंदन न करना, भारत के कानूनों का पालन करने से मना करना और शरिया कानून को लागू करने की मांग करना, एवं कोई यदि इस सब की आलोचना करने का प्रयास करता है, तो वे इस्लाम खतरे में है की बांग देते हैं ।’, अंसारी यह क्यों नहीं बताते ?
हामिद अंसारी

नई दिल्ली : पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने देश पर, मुसलमानों को “अलग-थलग” करने के लिए ठोस प्रयास करने का आरोप लगाया है । अंसारी अपनी पुस्तक, ‘बाय मेनी अ हॅपी ॲक्सीडन्ट : रिकलेक्शन ऑफ लाईफ’ के शुभारंभ पर बोल रहे थे ।

अंसारी ने आगे कहा कि, ‘यह महत्वपूर्ण नहीं है कि हम मुसलमान हैं, यह महत्वपूर्ण है कि हमारे पास व्यावसायिक योग्यता है । क्या मैं इस देश का नागरिक हूं या नहीं ? यदि मैं इस देश का नागरिक हूं, तो मुझे भी उन सभी चीजों का लाभार्थी होने का अधिकार है, जो नागरिकता के कारण किसी को मिलती हैं ।’ (आजादी के बाद के ७४ वर्षों में मुसलमानों को इस देश में अधिक से अधिक सुविधाएं मिली हैं, फिर भी इस तरह का बयान देना कृतघ्नता पूर्ण है ! – संपादक)

(कहते हैं) मुसलमानों को जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है ! ’- कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम

पी. चिदंबरम

हिन्दुओं को ‘भगवा आतंकवादी’ कहनेवाले चिदंबरम इससे अलग और क्या बोल सकते हैं ? यदि भारत में मुसलमानों को निशाना बनाया गया होता तो भारत में बहुसंख्यक हिन्दुओं द्वारा नरसंहार किया जाता, जैसा कि पाकिस्तान में बहुसंख्यक मुसलमानों द्वारा किया जाता है ; किंतु ऐसा कुछ भी नहीं हुआ । इसके विपरीत, पिछले ७४ वर्षों में मुसलमान ३% से १८% हो गए हैं, यह एक तथ्य है !

इस समय, पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा, “अंसारी और मैं दुखी हूं ; ऐसा इसलिए है, क्योंकि पिछले कुछ वर्षों की घटनाओं से पता चलता है कि मुसलमान खतरे में हैं । उन्हें आनेवाले खतरे के बारे में पता है । इसलिए वे पिछडते जा रहे हैं । भारत में, मुसलमान पहचान वाले लोगों को जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है और वर्तमान शासन उन्हें धूर्तता से निशाना बना रहा है ।