केवल ‘गाय वर्ष’ मनाने की अपेक्षा गो हत्या नहीं होगी, इसलिए पाक ने प्रयास किया तो मान लेंगे !
इस्लामाबाद (पाकिस्तान) – पाक के प्रधानमंत्री इमरान खान ने आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए वर्ष २०२१ ‘गाय वर्ष’ के रूप में मनाने के लिए तय किया है । गाय की ओर ध्यान देंगे, तो विश्व बाजार में दूध और दूध निर्मित पदार्थ का निर्यात कर सकते हैं और इंधन की समस्या सुलझाने के लिए गाय के गोबर पर शोध को गति प्रदान की जा सकती है, ऐसा सरकार ने तय किया है ।
१. प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि, भारत यदि गोबर से ऊर्जा बना सकता है, तो हम भी पीछे नही रहेंगे । चीन और हालैंड ने पाकिस्तान को गाय के दूध का उत्पादन ४ गुना बढाने की तकनीक देने की स्वीकृति दी है । इसके लिए किसानों को प्रशिक्षण और गाय के लिए कर्ज देने की योजना तैयार करके रखी है । इसके बाद उन्होंने ऊर्जा के विषय में चीन से सहायता लेने का प्रयास किया । चीन में गोबर पर किसी भी प्रकार का शोध नहीं हुआ है, यह ध्यान में आया । पाक में ‘बाब इंडिकस’ इस जाति की गाय ४ गुना अधिक दूध दे सकती है । (बाब इंडिकर गाय अर्थात भारतीय वंश की गाय है) उस गाय का अधिक से अधिक प्रयोग किया जा रहा है ।
In Pakistan, the cow has arrived. With it, comes Imran Khan’s new revolution
Pakistani journalist @nailainayat writes in her column #LetterFromPakistanhttps://t.co/RCL0EcNGa0
— ThePrintIndia (@ThePrintIndia) February 4, 2021
२. पाक के राज्य मंत्री जरताज गुल का कहना है कि, पिछले कुछ वर्षों से कराची की स्थानीय बस सेवा यह गाय के गोबर से मिलने वाली गैस से चल रही है । पाकिस्तान में यह देशव्यापी कार्यक्रम होना चाहिए, इतना नियोजन और तकनीक इस देश के पास नही है; लेकिन पर्यावरण की हानि रोकने के लिए गाय का गोबर बडी भूमिका निभा सकता है ।
Minister for Climate Change Zartaj Gul said that the government is planning to generate energy from 'cow dung' (Gobar) available at Bhains colony to power buses in #Karachi.#TOKAlert pic.twitter.com/kRowT9eDdG
— The Times of Karachi (@TOKCityOfLights) February 1, 2021
३. भारत की दृष्टि से पाकिस्तान की गायों की विशेषता ऐसी है कि, भारत का महत्वपूर्ण गोवंश पाकिस्तान में है । साहिवाल, कांकरेज, गीर, थारपारकर, हरियान्वी आदि गोवंश सिंधू घाटी में है; लेकिन सबसे उच्चकोटि का गोवंश ‘भगनूर’ यह गोवंश बलुचिस्तान में है ।
पाक में गोहत्या कम होगी इसकी संभावना कम ही है !
भारत में गो विज्ञान में तेजी आने से भारतीय उपखंड और चीन में भी गाय का महत्व बढने लगा है ,ऐसा दिख रहा है । कुछ माह पूर्व श्रीलंका ने गोहत्यापर बंदी का कानून लागू किया है । इसके बाद दक्षिण पूव एशिया में भी यह विषय फैला है । चीन के गरीब प्रांत ‘गन्सू’ में किसानों को ५ करोड गायें दी गई हैं । विद्वानों के अनुसार गाय का मुद्दा वर्तमान में पाक में महत्व प्राप्त कर रहा है, अर्थात वहां होने वाली गोहत्या कम हुई है, ऐसा निष्कर्ष निकालना जल्दबाजी होगी ।