म्यांनमार में सैन्य तख्तापलट !

  • आंग सान सू की के साथ राष्ट्रपति गिरफ्तार !

  • एक वर्ष के लिए आपातकाल की घोषणा !

आंग सान सू की को सेना ने किया गिरफ्तार

यांगून (म्यांनमार) – म्यांनमार के राष्ट्रपति विन म्यिंट, सत्तारूढ दल के वरिष्ठ नेता और लोकतंत्र समर्थक नेता, आंग सान सू की को सेना द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया है । यह कार्रवाई १ फरवरी को की गई । देश में एक वर्ष के लिए आपातकाल घोषित कर दिया है । पूर्व जनरल और उपराष्ट्रपति मिंट स्वे को कार्यवाहक राष्ट्रपति नियुक्त किया गया है। उन्हें सैन्य दल प्रमुख का दर्जा भी दिया गया है । म्यांनमार की सेना ने दूरदर्शन पर घोषणा की है कि, “सेना ने एक वर्ष के लिए सत्ता हाथ में ली है । फलस्वरूप सेना के कमांडर-इन-चीफ, मिन आंग ह्लाइंग के पास अब सत्ता की बागडोर होगी । इस सत्तांतर के साथ ही देश के विभिन्न भागों में सैन्य टुकडियां तैनात कर दी गई हैं । इस सत्तांतरण का कोई विरोध न कर सके, इसलिए म्यांनमार के मुख्य शहर यांगून में सिटी हॉल के बाहर सैनिकों को तैनात किया गया है । दूरभाष यंत्रणाएं बंद कर दी गई हैं ।”

१. म्यांनमार की सेना ने ३० जनवरी को कहा था कि, वे देश के संविधान के अनुसार ही कार्य करेगी । इससे पहले भी सैन्य तख्तापलट के संकेत दिए गए थे । सेना ने आरोप लगाया था कि चुनाव में धांधली हुई थी । देश के चुनाव आयोग ने बाद में स्पष्ट किया कि कोई घोटाला नहीं हुआ था और चुनाव बहुत विश्वसनीय तरीके से संपन्न हुए थे । म्यांनमार के संविधान के अनुसार, देश की संसद में २५ प्रतिशत सीटें सेना के लिए आरक्षित हैं, तथा सेना ही वहां के तीन प्रमुख सरकारी विभागों को नियंत्रित करती है ।

२.  म्यांनमार में लंबे समय से सैन्य सत्ता रही है । १९६२ से २०११ तक देश, सैन्य तानाशाही के अधीन था । वर्ष २०१० में म्यांनमार में आम चुनाव हुए और एक लोकतांत्रिक सरकार का गठन किया गया था । इसमें लोगों द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों को शासन करने का अवसर मिला ।

भारत और अमेरिका का विरोध

भारत ने कहा कि, हम कानून के शासन में विश्वास करते हैं । लोकतांत्रिक प्रक्रिया निरंतर जारी रहनी चाहिए ।

व्हाइट हाउस के प्रवक्ता, जेन पास्की ने कहा कि, संयुक्त राज्य अमेरिका म्यांनमार की स्थिति के बारे में चिंतित है । म्यांनमार की सेना ने देश के लोकतंत्र को कमजोर कर दिया है । संयुक्त राज्य अमेरिका म्यांनमार में लोकतांत्रिक ताकतों का समर्थन कर रहा है और गिरफ्तार लोगों को मुक्त किया जाना चाहिए । अगर सेना ने अपनी सैन्य कार्रवाई वापस नहीं ली, तो अमेरिका कडी कार्रवाई करेगा ।