हिन्दुओं के मन में ऐसे प्रश्न आते हैं कि सरकार को हिन्दूद्वेषी ‘अमेजन’ के साथ किए गए सभी करारनामे रद्द करने के लिए कहना क्यों पडता है ? क्या सरकार यह नहीं समझती ?’
मुंबई : केंद्र सरकार अमेजन के साथ किए गए सारे करारनामे समाप्त कर सभी राज्यों को इस संबंध में निर्देश दे ! इसके अतिरिक्त, सरकार को ओटीटी ऐप पर कार्यक्रमों को नियंत्रित करने के लिए कानून बनाकर अमेजन द्वारा किए गए संदिग्ध कारोबार की गहन जांच के लिए एक समिति नियुक्त करनी चाहिए । हिन्दू विधिज्ञ परिषद के अध्यक्ष, अधिवक्ता (वकील) वीरेंद्र इचलकरंजीकर ने केंद्रीय आवास एवं नागरिक मामलों के राज्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी एवं संयुक्त सचिव को एक आवेदन भेजा है ।
हिन्दू विधिज्ञ परिषद द्वारा भेजे गए आवेदन में कहा गया है कि
१. किराने के सामान से लेकर चलचित्र (फिल्में), वेब सीरिज, पुस्तकें, ऑडियो ग्रंथ आदि का विक्रय करने के लिए ‘अमेजन’ की विभिन्न शाखाएं पूरे देश में विद्यमान हैं । अमेजन प्रतिष्ठान मात्र एक विदेशी प्रतिष्ठान नहीं है, जो विभिन्न भारतीय मंडियों में अपना स्वयं का व्यवसाय बढाता है, अपितु यह ईस्ट इंडिया कंपनी का स्मरण कराता है । ‘ईस्ट इंडिया कंपनी’ के कपटी कारनामों के कारण अंततः भारत ने स्वतंत्रता खो दी थी तथा ब्रिटिश साम्राज्य का नियंत्रण आरंभ हुआ था ।
२. वर्ष २०१६ में, भारत में आरंभ हुए ‘ओटीटी’ ऐप पर अमेजन ने वीडियोज के विक्रय का अपना व्यवसाय आरंभ किया । यद्यपि ओटीटी व्यवसाय पहले से कहीं अधिक बडा हुआ है, परंतु यह आश्चर्यजनक तथा गंभीर बात है कि भारत केवल उसकी ओर देख रहा है; इसे नियंत्रित करने के लिए कोई कानून नहीं बना है । ‘ओटीटी’ ऐप पर प्रदर्शित वीडियोज को ‘सिनेमैटोग्राफ अधिनियम’ के अनुसार ‘सेंसर’ किया जाना अपेक्षित था ।
३. अमेजन ने ‘अमेजन प्राइम वीडियो’ प्रतिष्ठान के माध्यम से www.primevideo.com संकेतस्थल (वेबसाइट) से वीडियो का विक्रय करना आरंभ किया । इसके द्वारा वे तांडव, फैमिली मैन, मिर्जापुर पार्ट १ और २, मैडम सेक्रेटरी आदि विवादास्पद वेब सीरिज प्रदर्शित कर रहे हैं । इसलिए, वेब श्रृंखला और वीडियो प्रदर्शित करने के कारण जनता ने अमेजन के विरुद्ध सडक पर उतर कर, जन आंदोलन तथा सोशल मीडिया पर आलोचना आदि के माध्यमों से अपना विरोध दर्शाया । अनेक सांसदों ने भी सरकार को पत्र दिए हैं ।
४. अमेजन द्वारा बेचे जा रहे असंख्य उत्पाद भी हिन्दुओं की धार्मिक भावनाएं आहत कर रहे हैं, जब कि दूसरी ओर, सरकार अमेजन के साथ समझौता ज्ञापन करके ग्राहक वर्ग तैयार कर रही है, जिससे उसकी आय बढ रही है । यह समझौता ज्ञापन (एमओयू), अमेजन को, सरकार की सहायता से अपने उत्पाद बेचने में सहायक प्रतीत हो रहा है । श्री. योगेंद्र सिंह, निदेशक (एनयू एलएम) ने राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों के सभी मिशन निदेशकों को समझौता ज्ञापन को निष्पादित करने के निर्देश दिए हैं, जो सरकार की सहायता से उत्पादों का विक्रय करने के लिए अमेजन को अनुमति देता है ।
५. यह प्रश्न उठता है किअमेजन की हिन्दू-विरोधी एवं राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों को अनदेखा कर भारतीय हाट(बाजार) में अपना अंशदान बढाने में भारत उपेक्षा क्यों कर रहा है ? अमेजन के संदर्भ में इस प्रश्न का उत्तर देने के लिए सरकार को उचित कदम उठाने चाहिए ।