नई दिल्ली : कनाडा में यूनिवर्सिटी ऑफ लेथब्रिज ने दावा किया है कि, गांजा के उपयोग से कोरोना के सबसे अधिक जोखिम वाले आयु वर्ग और गंभीर रोगों से पीडित लोगों को बचाया जा सकता है । इस शोध के अनुसार, शरीर में प्रतिरक्षा प्रणाली को और शक्तिशाली करने के लिए गांजा का सेवन फायदेमंद है । अध्ययन में यह भी पाया गया कि कोरोना के साथ-साथ अन्य गंभीर रोग वाले लोगों पर गांजा युक्त दवाओं का उपयोग आरंभ किया जा सकता है ।
विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के एक समूह ने दावा किया है कि, दुर्बल प्रतिरक्षा प्रणाली शरीर में ‘साइटोकाइन स्टॉर्म’ नामक प्रक्रिया को उत्प्रेरित करती है । यह शरीर में स्वस्थ कोशिकाओं को भी प्रभावित करती है । कोरोना से संक्रमित और अन्य बीमारियों वाले कई रोगियों की इसी कारण मृत्यु होती है । गांजा की पत्तियों में पाया जाने वाला पदार्थ इस साइटोकिन स्टॉर्म प्रक्रिया को रोक सकता है । साइटोकाइन स्टॉर्म निर्माण होने के लिए इंटरल्यूकिन -६ और ट्यूमर नेक्रोसिस फैक्टर अल्फा नामक दो रसायन सम्मिलित हैं । इन रसायनों की मात्रा को गांजा की सहायता से न्यून किया जा सकता है ।