वर्ष २००८ में मालेगांव बम विस्फोट साजिश की बैठक में उपस्थित रहकर मैं अपना कर्तव्य निभा रहा था ! – ले. कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित

आवश्यक अनुमति के बिना कार्यवाही करने का आरोप


नासिक – वर्ष २००८ में मालेगांव बम विस्फोट साजिश की बैठक में उपस्थित रहकर मैं अपना कर्तव्य निभा रहा था, ऐसा तर्क इस मामले में सम्मिलित ले. कर्नल प्रसाद पुरोहित की ओर से उच्च न्यायालय में रखा गया । न्यायाधीश एस.एस. शिंदे और न्यायाधीश मकरंद कर्णिक इनकी खंडपीठ के सामने पुरोहित की याचिका पर सुनवाई हुई ।

इस समय सेना द्वारा सौंपे गए दायित्व के हिस्से के रुप में पुराहित इस साजिश की बैठक में उपस्थित थे । उनके उपर जानकारी एकत्रित करने का दायित्व सौंपा गया था । इस कारण उनके ऊपर कार्यवाही करने से पहले राष्ट्रीय जांच एजेंसी को आवश्यक अनुमति लेने की आवश्यकता थी, ऐसा तर्क भी पुरोहित ने दिया । ‘मुझपर आवश्यक अनुमति के बिना कार्यवाही की गई है’, ऐसा आरोप करते हुए ‘मुझे इस मामले से दोषमुक्त करें’, इस मांग के लिए पुरोहित ने उच्च न्यायालय में याचिका प्रविेष्ट की है । ‘कर्तव्य समझकर बैठक में उपस्थित रहने के बाद भी मुझे कारावास में डाला गया और आतंकवादी होने का ठप्पा लगाकर मुझे प्रताडित किया गया’, ऐसा आरोप पुरोहित ने लगाया है ।