आज भाषण की स्वतंत्रता एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम व्यक्तिगत चरित्र के साथ साथ धर्म की बदनामी हो रही है। लोगों को ऐसे ही लगता है कि न्यायालय को इसे रोकने की कोशिश करनी चाहिए और संबंधित लोगों को कड़ी सजा देनी चाहिए !
नई दिल्ली: प्रभावशाली व्यक्तियों का आम आदमी के ऊपर प्रभाव और अधिकार ध्यान में रखते हुए लोगों के प्रति ऐसे व्यक्तियों का कर्तव्य होता है। सर्वोच्च न्यायालयने कहा है कि इसलिए यह उनकी जिम्मेदारी है कि वे और अधिक जिम्मेदारी से काम करें। ख्वाजा मोईउद्दीन चिश्ती के बारे में कथित रूप से आपत्तिजनक टिप्पणी करने के लिए एक समाचार चैनल के प्रस्तोता अमिश देवगन के खिलाफ दर्ज एक प्राथमिक सूचना रिपोर्ट निरस्त करने से इन्कार करते हुए न्यायालय ने यह बयान दिया।