संयुक्त राष्ट्र द्वारा हिंदू, सिक्ख और बौद्ध धर्मियों पर होने वाले आक्रमणों की ओर नजरअंदाज किया जाता है ! – भारत की टिप्पणी

संयुक्त राष्ट्र मात्र बिजूका बनकर रह गया है | । ऐसा न होता तो, पिछले ७४ वर्षों से संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर की समस्या का समाधान हो गया होता । १९९० के दशक में लाखों कश्मीरी हिंदुओं के नरसंहार के समय यह संगठन हाथ पर हाथ धर कर चुप बैठा था । हिंदू, सिक्ख और बौद्ध के ऊपर पाक, अफगानिस्तान में अनेक दशकों से अत्याचार होने पर भी संयुक्त राष्ट्र उसपर अंधे, बहरे और गूंगे समान ही है । इस कारण इस संगठन का विश्व की दृष्टि से और भारत की दृष्टि से कुछ भी लाभ नही है । ऐसे संगठन को बंद करना ही योग्य होगा !

भारत के प्रतिनिधि आशीष शर्मा

न्यूयार्क – हिंदू, सिक्ख और बौद्ध पर होने वाले आक्रमणों की ओर ध्यान देने में संयुक्त राष्ट्र संघ महासभा असफल रहा है, ऐसी टिप्पणी भारत के प्रतिनिधि आशीष शर्मा ने की है । उन्होंने यह भी कहा कि शांति की संस्कृति केवल ‘अब्राह्मिक’ धर्मों के लिए नहीं हो सकती । इस महासभा में ‘आज शांति की संस्कृति’ इस सूत्र पर चर्चा की गई ।

शर्मा ने आगे कहा कि,

१. दुनिया भर में अनेक बेमेल लिंक हैं । यहूदी विरोधी, इस्लाम विरोधी और ईसाई विरोधी घटनाओं की निंदा की जानी चाहिए; हालांकि संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव में केवल इन ३ धर्मों के स्रोतों का उल्लेख है । हिंदू, सिक्ख और बौद्ध पर होने वाले अत्याचारों की ओर संयुक्त राष्ट्र ने पूर्णरुप से नजर अंदाज किया है ।

२. शांति की संस्कृति चुने धर्मों के लिए नहीं हो सकती । यह दोहरी नीति जब तक है, तब तक शांति की संस्कृति सच्चे अर्थों में नहीं आ सकती । हमें संस्कृतियों को एकत्रित लाना है, उनमें झगडा नहीं करवाना है । इसलिए संयुक्त राष्ट्र को उसके अनुसार काम करना चाहिए और ‘चयनात्मकता’ छोडनी चाहिए ।

३. अफगानिस्तान में बामियान स्थित ऐतिहासिक बौद्ध मूर्तियां आतंकवादियों ने तोडी । इस देश में गुरूद्वारों पर भी आक्रमण हुए । हिंदु मंदिरों पर भी आक्रमण हुए; केवल इस्लाम, यहूदीऔर ईसाई धर्म पर हुए आक्रमणों के समय जितने बडे पैमाने पर विरोध किया जाता है, वैसा विरोध इन घटनाओं के समय नहीं किया जाता है ।

४. हिंदू, सिख्ख और बौद्ध इन तीनों धर्मिक लोगों की संख्या बहुत बडी है । इसलिए अगली बार ऐसा निर्णय लेते समय इस्लाम, यहूदी और ईसाई धर्मों के साथ इन ३ धर्मों को भी उसमें सम्मिलित करना चाहिए, ऐसा आवाहन शर्मा ने किया ।

पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्ताव का उल्लंघन करता है ! – भारत

पाकिस्तान ने ‘पाकिस्तान सिक्ख गुरूद्वारा प्रबंधक समिति’ से कर्तारपुर साहिब गुरूद्वारे का व्यवस्थापन लेकर उसे ‘इवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड’ के प्रशासन को सौंपने का निर्णय लिया । इस निर्णय के कारण पाकिस्तान ने शांति के विषय का संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव का उल्लंघन किया है । उसने कर्तारपुर गुरूद्वारे का व्यवस्थापन गैर सिक्ख व्यवस्थापन को सौंपा है, भारत ने इस प्रकार की टीका महासभा में की है ।

(सौजन्य : ANI)