चीन ने भले ही विज्ञान में कितनी भी प्रगति कर ली और पडोसियों पर अतिक्रमण किए ; किंतु पेट पालने के लिए वह उपयोगी नहीं होता, यह अब उसके ध्यान में आएगा, यही अपेक्षा है !
नई दिल्ली – अनाज का उत्पादन अल्प होने के कारण और भारत द्वारा अनाज के मूल्य में छूट दिए जाने के उपरांत, अब चीन भारत से अनाज की खरीद कर रहा है । गत ३ दशकों में चीन ने पहली बार भारत से चावल का आयात करना आरंभ किया है । भारत विश्व का सब से बडा चावल निर्यात करनेवाला देश है, तो चीन सबसे बडा आयातक है ।
For the first time in 30 years, China has been forced to buy rice from India.
Rice is a staple food item for two-thirds of Chinese and China may not have enough of it.https://t.co/1qdPMMsh2i
— WION (@WIONews) December 2, 2020
चीन प्रतिवर्ष अनुमानित ४० लाख टन चावल का आयात करता है ; परंतु इससे पूर्व गुणवत्ता का कारण देकर वह भारत से चावल खरीदना टाल रहा था । उसमें भी सीमा विवाद की पृष्ठभूमि पर भी चीन ने भारत से चावल खरीदने का निर्णय लिया है । उद्योग अधिकारियों ने बताया कि, भारतीय व्यापारियों ने चीन के साथ दिसंबर २०२० से फरवरी २०२१ की अवधि में प्रति टन ३ सहस्र रुपए की दर से १ लाख टन चावल का निर्यात करने का अनुबंध किया है ।