‘सिरम’ने दावा अस्वीकार किया
पुणे – कोरोना प्रतिबंधक ‘कोविशिल्ड’ लेने के कारण स्वास्थ्य से संबंधित गंभीर समस्या उत्पन्न होने से चेन्नई के ‘बिजनेस कन्सलटन्ट’ एक ४० वर्षीय स्वास्थ्य स्वयंसेवी ने कोविशिल्ड टीके का उत्पादन, उसके परीक्षण और वितरण तुरंत रोकने की मांग की है । इस प्रकरण में इस स्वयंसेवी ने २१ नवंबर को ‘इंडियन काऊन्सिल ऑफ मेडिकल रिसर्च’ के (आई.सी.एम्.आर्. के) महानिदेशक तथा ‘सेंट्रल ड्रग्ज स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन’ को कानूनी नोटिस भी भेजा है, उसमें उसने ५ करोड रुपए की हानिभरपाई मांगी हैं ।
Vaccine major Serum Institute of India on November 29 rejected charges that a #COVID19 vaccine candidate has serious side effects, and threatened to seek heavy damages for “malicious” allegations.https://t.co/ezX9lw8vO7
— The Hindu (@the_hindu) November 29, 2020
२९ नवंबर को ‘सिरम’ इन्स्टिट्यूट ने यह दावा अस्वीकार करते हुए यह घोषणा की है कि ‘नोटिस में लगाए गए आरोप अत्यंत अनुचित और विद्वेषपूर्ण हैं तथा टीके का परीक्षण और स्वयंसेवी की चिकित्सकीय स्थिति के साथ इसका कोई संबंध नहीं है । हम उसके विरुद्ध १०० करोड रुपए का मानहानि का दावा ठोक सकते हैं ।’