इम्फाल – कुछ चयनित पाठशाला-महाविद्यालयों के पाठ्यक्रम में संस्कृत का परिचय कराने के भाजपा की मणिपुर सरकार के निर्णय का एक विद्यार्थी संगठन ने विरोध किया है । कंगपोकपी जिले के सनातन संस्कृत विद्यालय की भेंट के समय राज्य के शिक्षामंत्री एस. राजेन ने सरकार की योजना के विषय में पत्रकारों को बताया कि मणिपुर विश्वविद्यालय इस विषय के लिए अलग विभाग आरंभ करने का विचार कर रहा है ।
‘मणिपुर स्टूडेंट्स एसोसिएशन दिल्ली’ (एमएसएडी) नामक विद्यार्थी संगठन द्वारा प्रसारित एक निवेदन में कहा गया है कि ‘मणिपुर के विद्यार्थियों को पढाई जानेवाली संस्कृत ग्रंथ का एक भी शब्द स्थानीय लोगों की मातृभाषा में नहीं पाया जाता । द्वेष, अस्पृश्यता, लैंगिकता, वर्चस्व, काहेलाहल पर आधारित संस्कृत लादने का प्रयास कर सरकार अपनी मूर्खता दिखा रही है । (इससे देवभाषा संस्कृत का विरोध करनेवालों की ही अज्ञानता और मूर्खता समझ में आती है ! – संपादक)