स्वतंत्रता से लेकर अभी तक के शासनकर्ताओं ने जनता को साधना और नैतिकता नहीं सिखाई, इसी का यह परिणाम है ! प्रामाणिक एवं सत्यनिष्ठ समाज की निर्मिति हेतु धर्माधिष्ठित हिन्दू राष्ट्र की स्थापना करना ही इसका एकमात्र विकल्प है, यह समझ लें !
नई देहली – रिश्वतखोरी के संदर्भ में एशिया उपमहाद्वीप के देशों में भारत का स्थान पहला है । ट्रांसपरेन्सी इंटरनेशनल’ संस्था के सर्वेक्षण में यह जानकारी सामने आई है । भारत में रिश्वतखोरी की दर ३९ प्रतिशत है ।
‘ग्लोबल करप्शन बैरोमीटर – एशिया’ नाम से प्रकाशित अपने सर्वेक्षण में ट्रांसपरेन्सी इंटरनेशनल’ द्वारा रखे गए निम्नांकित सूत्र –
जून से सितंबर की अवधि में इस संस्था ने १७ देशों के २० सहस्र लोगों से कुछ प्रश्न पूछे । उसपर आधारित इस सर्वेक्षण के ये आंकडे हैं ।
१. भारत में सरकारी सुविधाओं के लिए ४६ प्रतिशत लोग अपने व्यक्तिगत परिचय का उपयोग करते हैं ।
२. प्रत्येक ४ लोगों में से ३ लोगों का यह कहना है कि सरकारी सेवाओं में व्याप्त भ्रष्टाचार के कारण सर्वाधिक कष्टों का सामना करना पडता है, तथा ३ लोगों में से प्रत्येक १ व्यक्ति अपने जनप्रतिनिधि के भ्रष्ट होने की बात मानता है । (२६.११.२०२०)