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उक्त चित्र प्रकाशित करने का उद्देश्य किसी की धार्मिक भावनाएं आहत करना नहीं है । केवल जानकारी के लिए प्रकाशित किया गया है । – संपादक
नई देहली – विविध प्रतिष्ठानों के अधिकारी, साथ ही फिल्म और वेब सीरीज के निर्माता-निर्देशकों ने हिन्दुओं की धार्मिक भावनाएं आहत करने का मानो बीडा ही उठा लिया है । वेब सीरीज ‘अ सूटेबल बॉय’ में एक मुसलमान लडका मंदिर परिसर में हिन्दू लडकी का चुंबन ले रहा है, यह दृश्य दिखाया गया है, तो नेटफ्लिक्स पर दीपावली में प्रदर्शित फिल्म ‘लूडो’ में भी हिन्दू देवी-देवताओं को बहुरूपियों के रूप में दिखाकर उनका अनादर किया गया है ।
कुछ वर्ष पूर्व प्रदर्शित आमिरखान के ‘पीके’ फिल्म में जिस प्रकार घिनौनी भाषा में हिन्दू देवी-देवताओं का अनादर किया गया था, उसी प्रकार से अनुराग बसु द्वारा निर्देशित ‘लूडो’ फिल्म में भी दिखाया गया है ।
NETFLIX & OTT platforms, are #AntiHindu
Netflix is popular for its propaganda contents that violates our cultural norms & are based on hate & scripted visuals that offends Hindu sentiments.
Strict action should be taken. #bannetflixinindia #BanNetflix@HarishK04131926 @kk_jpr pic.twitter.com/L3g9Zh5LOT— Sunil Ghanwat (@SG_HJS) November 23, 2020
१. फिल्म के एक प्रसंग में ३ लोगों को विचित्र वेशभूषा में दिखाया गया है तथा उन्हें ब्रह्मा, विष्णु और शिव के रूप में सडक पर नाचते हुए दिखाया गया है । उन तीनों की ओर फिल्म के अभिनेता आदित्य रॉय कपूर तुच्छ भाव से देख रहे हैं, ऐसा दिखाया गया है ।
२. अन्य एक प्रसंग में भगवान शिव एवं देवी महाकाली के रूप में आए दो लोगों द्वारा गाडी को धक्का मारते हुए दिखाया गया है ।
३. एक प्रसंग में अभिनेता और अभिनेत्री जब बिछौने में होते हैं, तब अभिनेत्री की मां उसे चलितभाष करती है । उस समय वह अपनी मां को स्वयं के मंदिर में होने की बात बताती है ।
४. फिल्म में रामलीला और गाय को लक्ष्य बनाकर व्यंग भी किए गए हैं ।
५. अन्य एक प्रसंग में निर्देशक अनुराग बासु और अभिनेता राहुल बग्गा लूडो खेल रहे हैं । उसमें अनुराग बासु राहुल बग्गा से कहते हैं, ‘‘कोरोना से इतने लोगों की मृत्यु हुई, तो तुम्हें क्या लगता है कि वे सभी पापी थे ?’’ पाप और पुण्य के संदर्भ में बग्गा को समझाते हुए बासु कहते हैं, ‘‘महाभारत का युद्ध समाप्त होने के उपरांत पांडव जब स्वर्ग में जाते हैं, तब दुर्याेधन वहां पहले से ही बैठा हुआ दिखाई देता है ।’’ इस प्रसंग में बासु कहते हैं, ‘दुर्योधन लोगों की दृष्टि में पापी था ।’ इस माध्यम से कौरवों को नायक और पांडवों को खलनायक के रूप में दिखाया गया है । इसके लिए अनुराग बासु एक काल्पनिक कथा रचकर उसे बता रहे हैं !