कोरोना संकट ने पूरी दुनिया में आयुर्वेदिक उत्पादों की मांग बढा दी है ! – प्रधानमंत्री मोदी

ऐसा होते हुए भी केंद्र सरकार ने भारत में अभी तक आयुर्वेद को आधिकारिक तौर पर कोरोना का उपचार करने की अनुमति नहीं दी है । इसलिए यदि आयुर्वेद के माध्यम से कोई उपचार कराना चाहता है, तो भी वे ऐसा नहीं कर सकते हैं तथा सरकार भी ऐसा नहीं कर सकती है ! वस्तुस्थिति यही है !

नई देहली : ऐसे समय में जब कोरोना को रोकने के लिए कोई प्रभावी विकल्प उपलब्ध नहीं थे, प्रतिरक्षा वाले विकल्प जैसे हल्दी दूध, अर्क आदि देशवासियों के काम में आए । इसके अतिरिक्त पूरे देश में आयुर्वेदिक उत्पादों की मांग में भी बहुत वृद्धि हुई है । पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष सितंबर में आयुर्वेदिक उत्पादों का निर्यात डेढ गुना बढा है । मसाले के निर्यात में भी वृद्धि हुई है ।

इतनी बडी आबादी वाले देश में, यदि आज कोरोना संकट के पश्चात स्थिति अच्छी बनी हुई है, तो यह कहना सार्थक होगा कि हमारी परंपराओं ने इसमें एक महान योगदान दिया है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने १३ नवंबर को ५वें आयुर्वेद दिवस के अवसर पर एक ऑनलाइन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ऐसा कहा । उस समय उन्होंने भारत सहित पूरे विश्व में अच्छे स्वास्थ्य के लिए भगवान धन्वंतरी से प्रार्थना की । (धन्वंतरी देवता की कृपा प्राप्त करने के लिए, प्रत्येक व्यक्ति को धर्माचरण एवं नैतिकता का पालन करना चाहिए और साधना भी करनी चाहिए । आत्म-अनुशासित व्यायाम और आहार का पालन करना भी आवश्यक है । जिससे व्याधि होने की संभावना घट जाती है अत: व्याधिग्रस्त होने पर आयुर्वेद का ही उपयोग करें ! – संपादक)