कांग्रेस की धर्मनिरपेक्षतावादी विचारधारा संपूर्ण राजनीतिक थी और उसमें हिन्दुओं का दमन कर धर्मांधों को सिर चढाने का प्रयास था । क्या शशि थरूर इस संदर्भ में बोलेंगे ?
नई देहली – हमारे यहां हिन्दुत्व की विचारधारा धार्मिक नहीं ,अपितु अधिकतर राजनीतिक है । कांग्रेस के नेता शशि थरूर ने ऐसा कहा । हाल ही में उनकी पुस्तक ‘दी बैटल ऑफ बिलौंगिंग’ प्रकाशित हुई है, इस संदर्भ में वे ऐसा बोल रहे थे ।
१. थरूर ने आगे कहा, ‘‘धर्मनिरपेक्षता का तत्त्व और उसकी कार्यवाही ये दोनों बातें भारत में संकट में आ गई हैं । द्वेषमूलक शक्तियां देश का धर्मनिरपेक्ष स्वरूप बदलने में सफल नहीं होंगी । (भारत में कभी भी धर्मनिरपेक्षता नहीं थी । आज जो कुछ दिख रही है, वह हिन्दुओं द्वारा दिखाई गई सहिष्णुता है । अब हिन्दुओं को सत्य समझ में आ गया है और वे जागृत होने लगे हैं । शशि थरूर इसी का विरोध कर रहे हैं ! – संपादक)
२. ‘क्या हिन्दुत्व की लोकप्रियता देखते हुए कांग्रेस को सौम्य हिन्दुत्व का आधार लेना पडेगा ?’, इस प्रश्न पर थरूर ने कहा कि हम कांग्रेस को सौम्य भाजपा का रूप नहीं देंगे; क्योंकि उससे कांग्रेस शून्य हो जाएगी । (अब भी कांग्रेस ऐसा क्या पराक्रम दिखा रही है ? वह तो अब समाप्त होने के पथ पर है ! – संपादक) कांग्रेस भाजपा नहीं है; इसलिए सौम्य हिन्दुत्व को स्वीकार करने का प्रश्न ही नहीं उठता । हिन्दुत्वनिष्ठ और हिन्दुत्व में अंतर है ।