क्या यह दैनिक यह बताएगा कि इसने सामाजिक माध्यमों में जिहादी विचार फैलानेवाले कितने खातों के विरुद्ध कार्यवाही करने के लिए अभियोग प्रविष्ट किए हैं ? इस दैनिक का इतिहास और वर्तमान हिन्दूद्वेषी ही रहा है । अंग्रेजों द्वारा आरंभ किया गया यह समाचारपत्र आज उन्हीं के विचार और कृत्यों की पुनरावृत्ति कर रहा है । हिन्दू ऐसे समाचारपत्रों का बहिष्कार करें, तो उसमें आश्चर्य कैसा ?
नई देहली – नियमों का उल्लंघन करने की बात बताकर फेसबुक ने ‘लव जिहाद’ का विरोध करनेवाले ३ समूहों को हटाया है । अंग्रेजी समाचारपत्र ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ ने इस संदर्भ में समाचार प्रकाशित किया है ।
इस समाचार में यह दावा किया गया है कि इन समूहों द्वारा आपत्तिजनक सामग्री प्रसारित की जाती थी, साथ ही उससे अश्लीलता और भडकाऊ भाषण भी प्रसारित किए जा रहे थे तथा अंतरधर्मी दंपति की पहचान उजागर कर उनकी सुरक्षा पर संकट उत्पन्न किया जा रहा था । ऐसा करने से निजी जीवन में बाधाएं आती थीं । इन समूहों में अल्पसंख्यक समुदाय का आर्थिक बहिष्कार करने का आवाहन कर लोगों को भडकाया जा रहा था ।