नवरात्रि पर मद्यपान एवं गांजा सेवन करते हुए श्री दुर्गा देवी का चित्र प्रकाशित कर एक ईसाई महिला ने किया देवी का अपमान !

विरोध के उपरांत चित्र हटाकर सार्वजनिक क्षमायाचना

अब भारत में भी, पाकिस्तान की तरह ईशनिंदा कानून लागू कर उसके अनुसार मृत्युदंड का प्रावधान करना आवश्यक है, जिससे हिन्दू देवताओं के किए जा रहे ऐसे अपमान को रोकने में सहायता हो !

अन्य धर्मावलंबी सदैव हिन्दू देवताओं का अपमान करने का प्रयत्न करते हैं; किंतु ध्यान रहे कि वे कभी भी इस तरह अपने श्रद्धास्रोतों का अपमान नहीं करते हैं !

उक्त चित्र प्रकाशित करने का उद्देश्य किसी की धार्मिक भावनाएं  आहत करना नहीं है । केवल जानकारी के लिए प्रकाशित किया गया है । – संपादक

कोच्चि (केरल) – कोच्चि के अलुवा उपनगर के एक क्रिश्चियन छायाचित्रकार दीया जॉन ने सोशल मीडिया पर ठीक नवरात्रि उत्सव काल में श्री दुर्गादेवी के मद्यपान और गांजा सेवन करने के चित्र पोस्ट करके हिन्दू देवी-देवताओं का अपमान किया है । सोशल मीडिया पर व्यापक विरोध के साथ-साथ पुलिस परिवाद के उपरांत, दीया ने उन चित्रों को हटाया एवं सार्वजनिक क्षमायाचना की ।

१. दीया ने एक कामुक युवती को अपने माथे पर बडा लाल कुमकुम लगाए तथा साथ ही लाल साडी परिधान किए, हाथ में कमल, शंख और एक त्रिशूल लिए दिखाया तथा वह कमल के आसन पर बैठी थी । उसने मुक्तरूप से गांजा एवं मद्यपान करते हुए इन छायाचित्रों को सोशल मीडिया पर पोस्ट किया । इस फोटो के साथ श्री दुर्गादेवी का अपमान करनेवाले गंदे वाक्य भी लिखे थे ।

२. अथिरा, जैकब अनिल, ज़ोहैब झाई और अक्षय रंजीत ने इन तस्वीरों को लेने में दीया जॉन की सहायता की थी । इस पर टिप्पणी करते हुए दीया ने कहा कि ये तस्वीरें महिलाओं की स्वतंत्रता को बढावा देने के लिए ली गई थीं । इनमें किसी देवता का नाम नहीं है । इसलिए वे धर्म के विरुद्ध नहीं हैं ।

३. मुक्कुतील भगवती मंदिर के प्रबंधन ने मुरुडू पुलिस थाने में एक परिवाद प्रविष्ट कराई जिसमें आरोप लगाया कि हिन्दुओं की धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाई गई है क्योंकि छायाचित्र में महिला को श्री दुर्गादेवी के रूप में चित्रित किया गया था, साथ ही उस चित्र को मद्यपान और गांजा सेवन करते हुए भी दिखाया गया था ।

४. मंदिर प्रबंधन के सचिव अधिवक्ता मधु नारायणन ने कहा कि देवी की तस्वीर में शंख और त्रिशूल के साथ मद्य की बोतल और गांजा के चित्र भी दिखाए गए थे । यह हिन्दू धर्म के प्रति घृणा तथा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर हिन्दू देवताओं का उपहास उडाने के, दीया के राक्षसी उद्देश्य को दर्शाता है ।

५. कुछ अन्य जागृत हिन्दुओं ने भी इस तरह के आरोप प्रविष्ट किए थे । हिन्दुओं के बढते विरोध को देखते हुए, दीया ने विवादास्पद छायाचित्रों को हटाया और सार्वजनिक क्षमा याचना की ।