सनातन की ग्रंथमाला – देवी की उपासना एवं उसका अध्यात्मशास्त्र

देवताआें की उपासना भक्‍तिभाव से करें !

शक्‍तिका परिचयात्‍मक विवेचन

शक्‍ति शब्‍द का क्‍या अर्थ है, शक्‍ति द्वारा धारण किए हुए ३ मुख्‍य रूप एवं उनकी विशेषताएं कौनसी हैं, श्री लक्ष्मी एवं दुर्गा, पार्वती एवं काली माता आदि की क्‍या विशेषताएं हैं, ‘गंगा’ एवं ‘नर्मदा’, इन नदियों की आध्‍यात्‍मिक विशेषताएं कौनसी हैं आदि प्रश्‍नों के उत्तर इस ग्रंथ में दिए हैं ।

शक्‍तिकी उपासना

     कुलदेवता की उपासना क्‍यों करें, नवरात्रि के इतिहास एवं पूजाविधियों का शास्‍त्रोक्‍त आधार क्‍या है, ‘नवार्ण मंत्र’ एवं ‘नवार्ण यंत्र’ की आध्‍यात्‍मिक विशेषताएं क्‍या हैं, ‘श्रीयंत्र’ एवं ‘श्रीचक्र’ का अर्थ एवं उनकी विशेषताएं क्‍या हैं आदि संबंधी ज्ञान देनेवाला यह ग्रंथ अवश्‍य पढें !!

देवीपूजनका अध्‍यात्‍मशास्‍त्र (लघुग्रंथ)

  • में घटस्‍थापना करने का क्‍या महत्त्व है ?

के दिन लक्ष्मीपूजन का क्‍या महत्त्व है ?

”  का शास्‍त्रोक्‍त आधार क्‍या है ?

देवी की आंचलभराई क्‍यों और कैसे करें ?

ग्रंथमाला  : देवतापूजन का अध्‍यात्‍मशास्‍त्र

पूजाघर एवं पूजाके उपकरण (लघुग्रंथ)

”  पूर्व-पश्‍चिम दिशा में क्‍यों हो ?

”  में देवताआें की संरचना कैसी हो ?

”  हेतु तांबे के उपकरणों का प्रयोग श्रेष्‍ठ क्‍यों ?

”  के दीये की अपेक्षा घी का दीया क्‍यों जलाएं ?

पूजासामग्रीका महत्त्व

            हलदी, कुमकुम आदि पूजासामग्री का महत्त्व एवं विशेषताएं समझाकर उनके प्रति आस्‍था निर्माण करनेवाले तथा पूजासामग्री के घटकों के संदर्भ में होनेवाली सूक्ष्म स्‍तरीय प्रक्रिया दर्शानेवाले ‘सूक्ष्म ज्ञानसंबंधी चित्रों’ से युक्‍त ग्रंथ !

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