बैलगाडी अथवा घोडागाडी बनानेवाले अथवा उन्‍हें सुधारनेवाले शिल्‍पियों (कारीगरों) तथा साधक शिल्‍पियों के विषय में जानकारी भेजें !

साधकों के लिए सूचना तथा पाठकों, हितैषियों, धर्मप्रेमियों से विनती !

     आपातकाल में पेट्रोल, डीजल आदि ईंधन मिलना कठिन होगा तथा आगे तो वह मिलेगा भी नहीं । तब, ऐसे ईंधनों से चलनेवाले दुपहिया और चारपहिया वाहन निरुपयोगी हो जाएंगे । ऐसे समय कहीं जाना, रोगी को वैद्य के पास पहुंचाना, आवश्‍यक वस्‍तुएं लाना आदि के लिए परिवहन के पारंपारिक साधनों का (उदा. बैलगाडी, घोडागाडी आदि का) उपयोग करना पडेगा ।  बैलगाडी और घोडागाडी की विशेषता यह है कि उन्‍हें खरीदने के लिए तथा बिगडी गाडी सुधरवाने के लिए यांत्रिक वाहनों की भांति अधिक पूंजी नहीं लगती, इनसे किसी प्रकार का प्रदूषण नहीं होता तथा इन्‍हें स्‍थानीय स्‍तर पर सहजता से सुधरवाया जा सकता है ।

१. बैलगाडी अथवा घोडागाडी बनानेवाले और उनकी देखभाल-सुधार करनेवाले शिल्‍पियों के विषय में जानकारी भेजिए !

     आधुनिकीकरण के कारण आजकल बैलगाडियां अथवा घोडागाडियां कम ही बनाई जाती हैं । फिर भी, पहले के बैलगाडी अथवा घोडागाडी बनानेवाले अनेक शिल्‍पी (बढई-लोहार) आज भी प्रत्‍येक गांव में उपलब्‍ध हैं । इनमें देखभाल तथा सुधार करनेवाले शिल्‍पियों का भी समावेश है । आपकी जानकारी में ऐसे शिल्‍पी (कारीगर) हों, तो उनकी जानकारी निम्‍नांकित प्रकार से लिखकर स्‍थानीय साधक को दें । पश्‍चात, वह साधक यह जानकारी जनपदसेवक के माध्‍यम से भेजे ।

२.  साधक-शिल्‍पी के विषय में जानकारी भेजिए !

     कुछ साधक-शिल्‍पियों में बैलगाडी अथवा घोडागाडी बनाने अथवा सुधारने का कौशल होता है । ऐसे साधक-शिल्‍पियों के विषय में जानकारी जनपदसेवक के माध्‍यम से भेजिए । इस जानकारी में यह भी उल्लेख करें कि वे यह कार्य सेवा के रूप में करेंगे अथवा इसके लिए पारिश्रमिक लेंगे ।

     उपर्युक्‍त जानकारी निम्‍नांकित ई-मेल पर भेजें !

नाम एवं संपर्क क्रमांक : श्रीमती भाग्‍यश्री सावंत – ७०५८८८५६१०

संगणकीय पता : sanatan.sanstha२०२५@gmail.com

डाक के लिए पता : श्रीमती भाग्‍यश्री सावंत, द्वारा ‘सनातन आश्रम’, २४/बी, रामनाथी, बांदिवडे, फोंडा, गोवा. पिन – ४०३४०१