गोहत्‍या, गोतस्‍करी तथा अवैध पशुवधगृहों पर प्रतिबंध कब लगेगा ? – श्री. संजय शर्मा, श्रीशिवछत्रपति गोरक्षा जनआंदोलन

‘गोवंश हत्‍या प्रतिबंधक कानून पर कठोर कार्यान्‍वयन करें ! विशेष परिसंवाद में एकत्रित मांग

मुंबई – गोवंश हत्‍या प्रतिबंधक कानून होते हुए राज्‍य में सर्वत्र दिनदहाडे गोहत्‍या हो रही है । संपूर्ण राज्‍य में होनेवाली सभी गोहत्‍या एवं गोतस्‍करी से संबंधित जानकारी हमने प्रमाणों सहित एकत्रित की है । वह शीघ्र ही राज्‍य सरकार को सौंपनेवाले हैं । सरकार कानून के आधार पर इस पर तत्‍काल कार्यवाही करे, ऐसी हमारी मांग है । गोवंश हत्‍या प्रतिबंधक कानून बनाकर अनेक वर्ष हो चुके हैं । सरकार इस कानून का उपयोग करते हुए गोहत्‍या, गोतस्‍करी और अवैध पशुवधगृह आदि पर प्रतिबंध कब लगानेवाली है ?, ऐसा स्‍पष्‍ट प्रश्‍न धुळे के श्रीशिवछत्रपति गोरक्षा जनआंदोलन के आदि गोरक्षक श्री. संजय शर्मा ने किया है । वे हिन्‍दू जनजागृति समिति द्वारा आयोजित ‘महाराष्‍ट्र में गोमाता सुरक्षित है क्‍या ?’ इस विशेष परिसंवाद में बोल रहे थे । यदि इस संबंध में कार्यवाही नहीं की गई, तो आनेवाले दो-तीन महीनों में गोरक्षा के लिए राज्‍यस्‍तर पर जनआंदोलन किया जाएगा । इसमें राज्‍य के 400 तहसीलों के गोरक्षक हजारों की संख्‍या में सम्‍मिलित होंगे, ऐसी चेतावनी भी श्री. शर्मा ने इस समय दी ।

श्री. संजय शर्मा

यह परिसंवाद ‘यू-ट्यूब लाइव’ और ‘फेसबुक’ के माध्‍यम से 23,453 लोगों ने देखा तथा 36,209 लोगों तक पहुंचा । गोवंशों की हत्‍या रोकने के लिए विविध जनपदों से मुख्‍यमंत्री को ऑनलाइन ज्ञापन भेजे गए । इसके विरुद्ध ‘ऑनलाइन पिटीशन’ के माध्‍यम से भी जागृति की गई । इस अभियान को स्‍वयं स्‍फूर्ति से प्रतिसाद मिला । परिणामस्‍वरूप #गोहत्‍या_रोको_धर्म_बचाओ यह विषय ट्वीटर पर भी ट्रेडिंग में आया था ।

 देशस्‍तर पर गोवंश हत्‍या प्रतिबंधित कर उसका कठोर कार्यान्‍वयन किया जाए !
– श्री.  सुनील घनवट, राज्य संगठक, महाराष्ट्र और छत्तीसगड, हिन्‍दू जनजागृति समिति

हिन्‍दू जनजागृति समिति के महाराष्‍ट्र और छत्तीसगढ राज्‍य संगठक श्री. सुनील घनवट

     इस समय हिन्‍दू जनजागृति समिति के महाराष्‍ट्र और छत्तीसगढ राज्‍य संगठक श्री. सुनील घनवट ने कहा, ‘आज महाराष्‍ट्र में ही नहीं, अपितु संपूर्ण देश में गोवंश पूर्णतः असुरक्षित है । संपूर्ण देश में 66 हजार वैध-अवैध पशुवधगृह कार्यरत हैं । वर्ष 1947 में देश में 90 करोड देशी गोवंश था, आज 2020 में वह 1 करोड भी शेष है क्‍या, इस संबंध में संदेह है । देश केे 29 राज्‍यों में से 22 राज्‍यों में गोवंश हत्‍या प्रतिबंधक कानून होते हुए संपूर्ण देश में खुलेआम गोहत्‍या हो रही है । यदि यह ऐसे ही चलता रहा, तो आनेवाली पीढी को गोमाता केवल चित्र में ही दिखाने का समय आ सकता है । कम से कम अब तो देशस्‍तर पर गोवंश हत्‍या प्रतिबंधित कर उसका कठोर कार्यान्‍वयन किया जाए, ऐसी मांग भी श्री. घनवट ने की ।

राजनीतिक दबाव के कारण पुलिस पीछे हट जाती है !
– श्री. अभय सिंह, व्यवस्थापक, अहिंसा तीर्थ गोशाला, जलगांव

जलगांव के अहिंसा तीर्थ गोशाला के व्‍यवस्‍थापक श्री. अभय सिंह ने इस समय कहा कि,‘गोवंश बचाने के लिए पहले पुलिस की सहायता मिलती थी; परंतु राजनीतिक दबाव के कारण पुलिस पीछे हट जाती है । अनेक बार अवैध परिवहन में भी गोवंश घायल और मृत अवस्‍था में मिलते हैं ।

गोतस्‍करों के स्‍थान पर गोरक्षों पर अपराध प्रविष्‍ट कर उन्‍हें तडीपार किया जाता है !
– अधिवक्ता नीलेश सांगोलकर, अधिवक्ता संगठक, हिन्‍दू विधिज्ञ परिषद

हिन्‍दू विधिज्ञ परिषद के अधिवक्‍ता संगठक नीलेश सांगोलकर

     ‘हिन्‍दू विधिज्ञ परिषद के अधिवक्‍ता संगठक नीलेश सांगोलकर बोले, ‘गोवंश पशुवधगृह अथवा अवैध रूप से अन्‍यत्र ले जाने हेतु प्रतिबंध लगानेवाले अनेक कानून हैं । परंतु सरकार को इच्‍छाशक्‍ति दिखाने की आवश्‍यकता है । आज गोतस्‍करों के स्‍थान पर गोरक्षों पर अपराध प्रविष्‍ट कर उन्‍हें तडीपार किया जा रहा है । यह ऐसा है, जैसे तो गधा खेत खाए और जुलाहा मारा जाए । ऐसे अन्‍याय के विरुद्ध हम संघर्ष कर रहे हैं ।’

गोरक्षक को ही सताया जाता है ! – श्री. दिप्तेश पाटील, समन्वयक,  हिन्‍दू गोवंश रक्षा समिति

श्री. दिप्तेश पाटील

     हिन्‍दू गोवंश रक्षा समिति के समन्‍वयक श्री. दीप्‍तेश पाटिल गोरक्षा से संबंधित अनुभव बताते हुए बोले कि महाराष्‍ट्र के ग्रामीण क्षेत्र का गोवंश मुंबई जैसे शहर में लाया जाता है और उसकी हत्‍या की जाती है; परंतु गोहत्‍या और गोतस्‍करी करनेवालों को अपेक्षित दंड नहीं मिलता । इसके विपरीत गोरक्षक को ही सताया जाता है । इस संबंध में जनआक्रोश निर्माण हो रहा है ।