खालिस्तानवादी पुन: सिर उठा रहे हैं, इसलिए सरकार को प्रयत्न करना चाहिए कि खालिस्तानवाद को कुचलने के लिए बंदी बनाए गए गए आतंकवादियों को फास्ट-ट्रैक न्यायालय में मुकदमा चला कर उन्हें फांसी दी जाए !
चंडीगढ : पंजाब पुलिस ने पंजाब के होशियारपुर से खालिस्तान जिंदाबाद दल के आतंकवादी माखन सिंह गिल उपाख्य (उर्फ) अमली और दविंदर सिंह उपाख्य हैप्पी को बंदी बनाया है । उनके पास से दो अत्याधुनिक हथियार, गोला-बारूद, दो कारतूस, ९ एमएम की एक पिस्तौल और अन्य गोला-बारूद नियंत्रण में लिए गए । उनके पास से एक चारपहिया वाहन, चार मोबाइल फोन सेट और अन्य सामग्री भी नियंत्रण में ली गई ।
Terror module of banned Khalistan group busted, says Punjab Police, arrests 2https://t.co/DxSnG4WWRD
— ThePrintIndia (@ThePrintIndia) October 4, 2020
१. माखन के अनुसार वह कनाडा के हरप्रीत सिंह के संपर्क में था । उसके अनुसार, उसने पंजाब में हिंसा करने के लिए एक आतंकवादी समूह बनाया था । माखन पहले खालिस्तानी आतंकवादी समूह ‘बब्बर खालसा इंटरनेशनल´ के प्रमुख वाधवा सिंह का साथी था ।
२. हरप्रीत प्राय: कनाडा जाता रहता है । वह पाकिस्तान में खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के प्रमुख रंजीत सिंह उपाख्य नीता का सहयोगी है । पकडे गए दोनों आतंकवादियों को रंजीत उपाख्य नीता ने हथियार उपलब्ध कराए थे ।
३. इसमें जर्मनी और संयुक्त राष्ट्र अमेरिका के कुछ सूत्रधार भी सम्मिलित हैं । माखन एक कट्टर खालिस्तानी है, इसको पहले भी हथियारों की तस्करी के प्रकरण में बंदी पनाया गया था । माखन पाकिस्तान में प्रशिक्षित था और १९८० से १९९० तक संयुक्त राष्ट्र अमेरिका में रहा था । वह १४ वर्ष तक पाकिस्तान में रहा ।