जगनमोहन रेड्डी, २ मंत्री, देवस्थानम के अध्यक्ष और कार्यकारी अधिकारी के विरुद्ध उच्च न्यायालय में याचिका

आंध्र प्रदेश के ईसाई मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी को ‘भगवान व्यंकटेश्वर के ऊपर श्रद्धा है’ इस शपथ पत्र पर हस्ताक्षर किए बिना ही मंदिर में प्रवेश करने का प्रसंग

  • मंदिरों की परंपरा का पालन करने के लिए हिन्दुओं को न्यायालय जाना पडता है, यह दुखदायक है ! हिन्दुओं पर ऐसा समय न आए, इसलिए हिन्दू राष्ट्र ही चाहिए !
  • एक कट्टरपंथी ईसाई को चुनने पर आंध्र प्रदेश में इससे अलग क्या होगा ? वहां के हिन्दू आज उसी का दंड भोग रहे हैं !

अमरावती (आंध्र प्रदेश)- वाइएसआर कांग्रेस के अध्यक्ष और आंध्र प्रदेश के ईसाई मुख्य मंत्री वाइएस जगनमोहन रेड्डी ने २३ सितंबर के दिन तिरुमला तिरुपति स्थित भगवान व्यंकटेश्वर के मंदिर गए । इस समय उन्होंने अन्य धर्मियों के लिए अनिवार्य ‘भगवान व्यंकटेश्वर पर श्रद्धा है’, ऐसा लिखे हुए शपथ पत्र पर हस्ताक्षर नहीं किए । इसके विरुद्ध उच्च न्यायालय में याचिका प्रविेष्ट की गई है । ‘जगनमोहन रेड्डी ने, शपथ पत्र पर हस्ताक्षर न करना नियम के विरुद्ध है’, इस याचिका में ऐसा कहा है । उसी प्रकार मंत्री वेलंपल्ली, कोडाली नानी, तिरुमला तिरुपति देवस्थानम के अध्यक्ष सुब्बा रेड्डी और कार्यकारी अधिकारी अनिल कुमार सिंघल को पद से हटाने की मांग भी इस याचिका में की गई है । गुंटुर जिले के व्यंकटपुरम् गांव के किसान आलोक ने यह याचिका प्रविष्ट की है ।