आरोपियों को कठोर दंड देने हेतु प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का योगी आदित्यनाथ को आदेश
इससे बहुत पूर्व ही उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था पूर्णतः ध्वस्त हो चुकी है । उस पर संपूर्णतः प्रयास करने की आवश्यकता है । उसके लिए कठोर कानून और कठोर दंड देने के साथ ही कर्तव्यदक्ष पुलिस एवं प्रशासन भी आवश्यक है, साथ ही समाज को साधना सिखाकर नीतिवान बनाना अपेक्षित है । उसके लिए योगी आदित्यनाथ प्रयास करें !
हाथरस/नई देहली – उत्तर प्रदेश के हाथरस में १४ सितंबर को अनुसूचित जाति की एक १९ वर्षीय युवती पर सवर्णाें द्वारा सामूहिक बलात्कार किया गया था । उस समय उस पर शारीरिक अत्याचार भी किए गए थे । उसकी जीभ काटी गई थी, साथ ही उसकी रीढ की हड्डी भी तोड दी गई थी । पिछले कुछ दिनों से उस पर उपचार हो रहे थे । २९ सितंबर को चिकित्सालय में उसकी मृत्यु हो गई । आरोप लगाया जा रहा है कि उसी रात पुलिस ने उसका शव उसके परिजनों को न सौंपकर सीधे स्मशान में ले जाकर उसका अंतिमसंस्कार कर दिया । पीडिता के परिजनों ने आरोप लगाया है कि ‘पुलिस से आरोपियों को गिरफ्तार करने में टालमटोलकर उन्हें बचाने का प्रयास किया है ।’ इसके कारण पूरे देश में संताप की लहर उमड पडी है । इसका संज्ञान लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य के मुख्यमंत्री योगी अदित्यनाथ से दूरभाष पर चर्चा कर आरोपियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही करने का आदेश दिया है । इसके उपरांत इस अपराध की जांच के लिए विशेष अन्वेषण दल स्थापित किया गया है । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि यह दल ७ दिनों में ब्यौरा प्रस्तुत करेगा, साथ ही यह अभियोग शीघ्रगति न्यायालय में चलाया जाएगा ।’
१. १४ सितंबर को पशुओं के लिए चारा लाने हेतु यह युवती खेत में गई थी । वहां ४ युवकों ने उसके साथ सामूहिक बलात्कार कर उसे मार डालने का प्रयास किया । इस प्रकरण में पुलिस ने केवल जान से मारने के प्रयास का अपराध प्रविष्ट किया था । उसके उपरांत २३ सितंबर को पीडिता के बयान के पश्चात इस अपराध में बलात्कार की धारा जोडी गई । इस प्रकरण में पुलिस ने पीडित लडकी के घर के पास से ४ लोगों को गिरफ्तार किया है ।
२. पीडिता के पिता ने बताया कि हिन्दू संस्कृति की परंपरा के अनुसार हमने दिन में अंतिमसंस्कार करने की मांग की थी । हमारे सभी परिजनों को लडकी के अंतिमसंस्कार में सम्मिलित होकर उसके अंतिम दर्शन करने थे; परंतु पुलिसकर्मी लडकी का शव बलपूर्वक ले गए । हममें से किसी को भी उसके पार्थिव शरीर के पास नहीं जाने दिया गया । पुलिस ने मुझे मेरी लडकी के अंतिम दर्शन भी नहीं करने दिए । उसके अंतिमसंस्कार से पूर्व मैं उसका चेहरा भी नहीं देख पाया । पुलिसकर्मियों ने रात में ही उसका अंतिमसंस्कार कर दिया ।
परिवार की अनुमति के उपरांत ही अंतिमसंस्कार ! – पुलिस और प्रशासन
पुलिस ने पीडिता के परिवारजनों द्वारा लगाए गए आरोप खारिज कर दिए हैं । पुलिस प्रशासन ने दावा किया है कि परिवार की अनुमति के उपरांत ही हमने पीडिता का अंतिमसंस्कार किया है तथा उसमें उसके सभी परिजन सम्मिलित हुए थे ।
जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्सर ने प्रसारमाध्यमों की आलोचना करते हुए सभी समाचार गलत होने की बात कही है । उन्होंने बताया कि परिवार की अनुमति के उपरांत ही उसका अंतिमसंस्कार किया गया और उसमें परिजन भी सम्मिलित हुए थे ।