कर्मचारियों को भी नौकरी से हटाया !
दवाई के बिना बीमारी जा रही हो, तो वह अच्छा ही है ! ‘एम्नेस्टी इंरनेशनल’ ने कभी हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचारों के संबंध में आवाज नहीं उठाई और न ही उनकी सहायता की है; परंतु धर्मांधों पर तथाकथित अत्याचारों का कारण बताकर हिन्दुओं और भारतीय सेना को दोषी साबित करने का प्रयत्न किया है । ऐसी संस्थाएं भारत में न होना ही अच्छा है !
नई देहली – भारत सरकार ने हमारे सभी बैंक खाते पूर्णतः बंद कर दिए हैं । यहां हमें प्रताडित किया जा रहा है । इसलिए हम भारत में ‘मानवाधिकार की रक्षा’ का हमारा कार्य पूर्णतः रोक रहे हैं, ऐसा आरोप अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संस्था ‘एम्नेस्टी इंटरनेशनल इंडिया’ की भारतीय शाखा ने लगाया है । इस संस्था ने कहा है कि हम भारत के सर्व कर्मचारियों को नौकरी से मुक्त कर रहे हैं तथा अभियान और शोध भी बंद कर रहे हैं ।
१. संस्था ने आरोप लगाया है कि, भारत सरकार द्वारा मानवाधिकार संगठनों के विरुद्ध प्रतिशोध लिया जा रहा है । जम्मू-कश्मीर और देहली में सुरक्षा बलों द्वारा मानवाधिकारों के उल्लंघनों पर आवाज उठाने से गत २ वर्षाें से हमें प्रताडित किया जा रहा है । प्रवर्तन निदेशालय द्वारा हमें प्रताडित किया जा रहा है; क्योंकि हमने सरकार के काम मेें पारदर्शिता लाने की मांग की थी ।
२. गत १ वर्ष में भारत के १ लाख लोगों ने हमें आर्थिक सहायता की है तथा ४ लाख लोगों ने समर्थन दिया है । हमारा ‘फेरा’ कानून से कोई संबंध नहीं है; परंतु उसके द्वारा हमें सताया जा रहा है, ऐसा दावा भी इस संस्था ने किया है ।