केंद्र सरकार द्वारा रक्षा से संबंधित सामग्री की खरीद से संबंधित ‘ऑफसेट’ नीति निरस्त !

नई देहली – भारतीय रक्षा मंत्रालय ने रक्षा से संबंधित सामग्री की खरीद के समय दूसरे देशों की सरकारों के साथ किए जानेवाले अनुबंधों में भारत में निवेश करने की शर्त (ऑफसेट नीति) को निरस्त करने का निर्णय लिया है । इसमें राफेल का भी समावेश है । ‘ऑफसेट’ की शर्त अधिक सफल न होने से उसे हटा देने का निर्णय लिया गया है । इस नीति के कारण युद्धसामग्री की तकनीक प्राप्त करने की अपेक्षा सुसज्जित युद्धसामग्री ही खरीदी जा सकेगी । अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित युद्धसामग्री प्राप्त करने पर बल दिया जा रहा है, ऐसा रक्षा मंत्रालय का कहना है ।

कैग ने यह टिप्पणी की थी कि राफेल अनुबंध के अनुसार दासां प्रतिष्ठान की ओर से प्रौद्योगिकी का हस्तांतरण करना भले ही अपेक्षित हो; परंतु इस प्रतिष्ठान ने उसके संबंध में किसी भी अंतिम तिथि की घोषणा नहीं की है । इस अनुबंध के अंतर्गत विदेशी प्रतिष्ठान को कुल अनुबंधमूल्य की ५० प्रतिशत धनराशि का भारतीय रक्षा उत्पादक प्रतिष्ठानों में निवेश करने का बंधन है । उसकी भी पूर्ति नहीं की गई है । (यदि विदेशी प्रतिष्ठान अनुबंध का पालन नहीं करते हों, तो भारत ऐसे अनुबंध करता ही क्यों है ? – संपादक)