‘इस्लामिक स्टेट’ के आतंकवादी सुब्हानी मोइदीना को आजीवन कारावास का दंड

केरल के एन.आई.ए. के विशेष न्यायालय का निर्णय

  • ईराक में जाकर लिया था प्रशिक्षण

  • पैरिस के आतंकवादी आक्रमण में सहभाग

  • भारत में खूनखराबा करने के लिए एकत्रित किए थे रासायनिक विस्फोटक

ऐसे आतंकवादियों को आजीवन कारावास नहीं, अपितु भरे चौराहे पर फांसी का दंड देना चाहिए, ऐसा नागरिकों को लगेगा !

कोच्चि (केरल) – यहां के राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण(एन.आई.ए.के) के विशेष न्यायालय ने कट्टर जिहादी संगठन ‘इस्लामिक स्टेट’(आई.एस.) के आतंकवादी सुब्हानी हाजा मोइदीन को आजीवन कारावास और २ लाख १० सहस्र रुपये का दंड दिया है । उसके विरोध में यू.ए.पी.ए. के अंतर्गत अपराध प्रविष्ट किया गया था । उसे वर्ष २०१६ में गिरफ्तार किया गया था ।

१. मोइदीन वर्ष २०१५ में फ्रान्स की राजधानी पैरिस में हुए आतंकवादी आक्रमण में आरोपी था । इसका दूसरा आरोपी सालाह अब्देसलाम के साथ उसने प्रशिक्षण लिया था । इस आक्रमण में कुल १३० लोगों की मृत्यु हो गई थी । वर्ष २०१८ में फ्रान्स के पुलिसकर्मी उनका बयान देने के लिए भारत में आए थे ।

२. एन.आई.ए.ने प्रकाशित करने हेतु दिए हुए पत्रक में कहा है कि, वर्ष २०१५ में मोइदीन तुर्किस्तान के मार्ग से ईराक में गया था । वहां वह आई.एस.में सम्मिलित हुआ था । वहां प्रशिक्षण देने के पश्चात उसे मोसूल में भेजा गया था । वहां युद्ध के समय उसके सहयोगियों को मरते हुए देखकर वह घबराकर भारत में लौट आया था । उसके पश्चात भी वह निरंतर ‘आई.एस.’ के संपर्क में था । उसने देश में आतंकवादी आक्रमण करने के लिए तमिलनाडु के शिवकाशी से रासायनिक विस्फोटक एकत्रित किए थे ।