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- ऐसे असंवेदनशील पुलिस कर्मचारियों को ही नौकरी से निकालकर बंदी बनाना देना चाहिए; तभी अन्य पुलिस कर्मचारियों में डर रहेगा !
- देश में धर्मांधों से हो रहे लव जिहाद और बलात्कार जैसी घटनाओं पर निधर्मवादी और आधुनिकवादियों का मौन भी ध्यान देने योग्य है !
नूंह (हरियाणा) – यहां इस्माइल, साहिर और इरशाद इन तीनों द्वारा ४ सितंबर को १५ वर्ष की लडकी के साथ खेत में सामूहिक बलात्कार करने की घटना सामने आई है । इस पीडित लडकी ने ‘राष्ट्रीय पुलिस संरक्षण आयोग’ को पत्र लिखकर यह बताया है कि पुलिस ने इस संदर्भ में कोई कारवाही नहीं की । अपराधियों में से केवल एक को अब तक बंदी बनाया गया है और शेष दो गांव में खुलेआम घूम रहे हैं, इस लडकी ने पत्र में ऐसा लिखा है ।
१. इस संदर्भ में जब पुलिस थाने में परिवाद की गई तब पुलिस ने, ‘लडकी स्वयं उन लडकों के साथ गई थी’, ऐसा कहकर लडकी को ही उत्तरदायी ठहराने का प्रयास आरंभ किया । इसके उपरांत पुलिस ने इस्माइल को बंदी बनायाा । साहिर और इरशाद अभी भी खुले घूम रहे हैं । उन्होंने लडकी के पिता धमकाकर कहा, ‘यदि परिवाद वापस नहीं ली, तो लडकी का अपहरण कर उसे मार देंगे ।’
२. पुलिस ने कहा है कि साक्ष्य के अभाव में अन्य दो अपराधियों को नहीं पकडा गया है, परिवारजनों का कहना कि लडकी नाबालिग है, पुलिस ने इसे झूठा कहा है ।