आत्महत्याओं के पीछे मानसिक, शारीरिक और बेरोजगारी आदि प्रमुख कारण
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नई देहली – देहली में मानसिक बीमारी के कारण आत्महत्या करनेवालों की संख्या गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष ढाई गुना बढ गई है । राष्ट्र्रीय अपराध पंजीकरण विभाग द्वारा (‘एन.सी.आर.बी.’ने) दिए गए आंकडों से यह जानकारी सामने आई है । देहली में वर्ष २०१९ में सडक दुर्घटना में प्रतिदिन ४ लोगों की मृत्यु हो गई थी तथा आत्महत्या करनेवालों की संख्या प्रतिदिन ७ थी । इन आंकडों के अनुसार प्रतिवर्ष अनुमानित २ सहस्र ५२६ लोग आत्महत्या कर रहे हैं । इसमें पारिवारिक समस्या एक बडा कारण है । इसमें आपसी विवाद, परिजनों से अच्छे संबंध न होना आदि बातें भी कारणीभूत है । इन आंकडों में आत्महत्या का प्रयत्न कितनी बार किया गया है ?, इसकी जानकारी नहीं दी गई है ।
#NCRB के आंकड़ों से हुआ खुलासा, दिल्ली में हर दिन औसतन 7 लोग करते हैं खुदकुशी।
(रिपोर्ट: @aviralhimanshu)https://t.co/j0UomUAqKj— AajTak (@aajtak) September 11, 2020
मानसिक बीमारी के कारण एक वर्ष में ४७ आत्महत्या
वर्ष २०१९ में देहली में मानसिक बीमारी के कारण ४७ जनों ने आत्महत्या की थी तथा इस वर्ष इसी कारण से १८ जनों ने आत्महत्या की है । दोनों वर्षाें में महिलाओं की संख्या ६ है तथा पुरुषों की संख्या १२ से बढकर ४१ हो गई है ।
शारीरिक बीमारियों के कारण इस वर्ष १३० आत्महत्या
मानसिक बीमारियों के साथ ही गंभीर और दीर्घ समय तक चलनेवाली बीमारियों के कारण की जानेवाली आत्महत्या कम हो गई है, यह इन आंकडों से दिखाई दिया है । इसके अनुसार गत वर्ष २१८ आत्महत्याएं हुई थीं तथा इस वर्ष अब तक १३० आत्महत्याएं हुई हैं । उनमें से २ सहस्र ५२६ में से ४६९ आत्महत्याओं का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है ।
बेरोजगारी के कारण बढती आत्महत्या
बेरोजगारी के कारण वर्ष २०१८ की तुलना में २०१९ में २० प्रतिशत अधिक आत्महत्याएं हुई है । नौकरियां छूट जाने के कारण वर्ष २०१९ में ११८ जनों ने आत्महत्या की थी, जो संख्या वर्ष २०१८ में ९८ थी । वर्ष २०१८ में ६११ बेरोजगारों ने आत्महत्या की थी तथा यह संख्या वर्ष २०१९ में बढकर ६७७ हो गई है ।