जानबूझकर देवताओं का अपमान करनेवाले प्रतिष्ठानों के उत्पादनों का यदि हिन्दू बहिष्कार करें, तो आश्चर्य नहीं होगा !
मुंबई : ‘सुपरशक्ति मेटलिक्स’ नामक प्रतिष्ठान द्वारा श्री इंद्रदेव, भगवान श्री विश्वकर्मा और श्री नारद मुनि का अनादर करनेवाला विज्ञापन अब जालस्थल पर प्रदर्शित किया गया है ।
‘सुपरशक्ति मेटलिक्स’ गृह निर्माण के लिए आवश्यक ‘टी.एम.टी. सरिया’ का उत्पादन और विक्रय करनेवाला प्रतिष्ठान है । इस प्रतिष्ठान ने उसके उत्पादन के विक्रय के व्यवसायिक उद्देश्य से विज्ञापन बनाया है तथा विज्ञापन में भगवान श्री इंद्रदेव श्री विश्वकर्मा और श्री नारद मुनि का अनादर किया गया है । इससे संबंधित जानकारी धर्मप्रेमियों ने हिन्दू जनजागृति समिति को दी । इस पर समिति ने फेसबुक, ट्वीटर आदि सामाजिक माध्यमों से वैधानिक मार्ग से विरोध किया है । और हिन्दुओं को भी वैधानिक मार्ग से विरोध करने का आवाहन किया है । परिणामस्वरूप इस विज्ञापन में श्री इंद्रदेव की भूमिका करनेवाले द्विवेदी नामक व्यक्ति ने यह वीडियों स्वयं के यू-ट्यूब चैनल से हटा दिया था; परंतु वह प्रतिष्ठान के अधिकृत जालस्थलपर रखा गया है ।
विज्ञापन में किया गया अनादर
इस विज्ञापन में दिखाया गया है, कि देवराज इंद्र के स्वर्ग में एक नृत्य कार्यक्रम चल रहा है, वहां अप्सराएं सबके सामने नृत्य प्रस्तुत कर रही हैं । तभी छत का प्लास्टर गिर जाता है तथापि अप्सराएं अपना नृत्य जारी रखती हैं। थोडी देर के बाद जब बडी मात्रा में प्लास्टर गिरता है, तो नृत्य कार्यक्रम रोक दिया जाता है । यह देखकर श्री इंद्रदेव पूछते हैं, ‘क्या चल रहा है ?’ इस पर श्री विश्वकर्मा देव ने उन्हें बताया , यह हल्की गुणवत्ता वाली सरिया का परिणाम है । इस पर इंद्रदेव ने उनसे पूछा, ‘इसका क्या उपाय है ?’ तब वहां श्री नारद मुनि प्रकट होते हैं और कहते हैं कि इसका समाधान सुपर पावर टीमटी है । यह एक सरिया है, जो एक मजबूत पकड देता है । कार्यक्रम पुन: आरंभ होता है । अंत में श्री नारद मुनि कहते हैं कि नाचो नाचो, देवलोक भी ‘सुपर शक्ति’ से बन गया है ‘सुपर स्ट्रांग’ ।
इस विज्ञापन में हिन्दुओं के देवताओं का अपमान होने से हिन्दुओं की धार्मिक भावनाएं आहत हुई थीं ।
Super Shakti Metaliks ने विज्ञापन से किया भगवान इंद्र, विश्वकर्मा देवता तथा नारदमुनि का घोर अपमानक्या कंपनी अन्य…
Posted by Hindu Adhiveshan on Monday, 31 August 2020
(यह छायाचित्र धार्मिक भावनाएं आहत करने के उद्देश्य से नहीं, अपितु वास्तविकता ज्ञात होने के उद्देश्य से छापा गया है ।– संपादक)