जिहाद समर्थक डॉ. जाकिर नाइक, अकबरुद्दीन ओवैसी जैसे धार्मिक द्वेष फैलानेवालों के ‘फेसबुक पेज’ पर रोक क्‍यों नहीं ?

फेसबुक की पक्षपाती नीति – हिन्‍दुत्‍वनिष्‍ठ
भाजपा विधायक टी. राजासिंह के ‘फेसबुक पेज’ पर रोक !

‘फेसबुक’ तुरंत टी. राजासिंह का ‘फेसबुक पेज’ पूर्ववत प्रारंभ करे, अन्‍यथा हिन्‍दू समाज को ही फेसबुक का बहिष्‍कार करने का आवाहन करना पडेगा!

भाग्‍यनगर के भाजपा के विधायक और प्रखर हिन्‍दुत्‍वनिष्‍ठ टी. राजासिंह के ‘फेसबुक पेज’ पर रोक लगाकर फेसबुक ने भारत की ‘भाषण स्‍वतंत्रता’ पर ही रोक लगाई है । यदि उनके पेज से द्वेष फैलाया जा रहा था, तो भारत में ‘वॉन्‍टेड’ और मुसलमान युवकों को आतंकवादी बनने हेतु प्रोत्‍साहित करनेवाले जिहादी डॉ. जाकिर नाइक तथा 100 करोड हिन्‍दुआें को समाप्‍त करने की उजागर धमकी देनेवाले ‘एम.आई.एम.’ के विधायक अकबरुद्दीन ओवैसी के ‘फेसबुक पेज’ पर रोक क्‍यों नहीं लगाई गई ? अनेक जिहादी आतंकवादी संगठनों के ‘फेसबुक पेज’ आज भी जिहाद का प्रचार कर रहे हैं । इस प्रकरण में हिन्‍दू जनजागृति समिति के राष्‍ट्रीय प्रवक्‍ता श्री. रमेश शिंदे ने मत व्‍यक्‍त करते हुए कहा है कि ‘फेसबुक’ भारत में मुसलमानों को एक और हिन्‍दुआें को अलग नियम लगाकर धार्मिक पक्षपात ही कर रहा है ।

‘फेसबुक’ तुरंत टी. राजासिंह का ‘फेसबुक पेज’ पूर्ववत प्रारंभ करे, अन्‍यथा हिन्‍दू समाज को ही फेसबुक का बहिष्‍कार करने का आवाहन करना पडेगा, ऐसी चेतावनी भी श्री. शिंदे ने इस समय दी है ।

श्री. रमेश शिंदे ने प्रसिद्धीपत्रक में आगे कहा कि

१. देहली तथा कुछ समय पूर्व ही बेंगलूरु दंगों के समय भी धर्मांधों को एकत्रित आने का आवाहन ‘फेसबुक पेज’ से ही किया गया था, ऐसा उजागर हुआ था । भारत के शहरों में दंगे भडकानेवाले ‘फेसबुक पेज’ पर ‘फेसबुक’ द्वारा कोई भी कार्यवाही की हुई दिखाई नहीं देती तथा ‘फेसबुक’ से आज तक अनेक बार हिन्‍दुआें के देवता, राष्‍ट्रपुरुषों के संदर्भ में अश्‍लील और आपत्तिजनक पोस्‍ट प्रसारित की जाती हैं । इस संबंध में हिन्‍दुत्‍वनिष्‍ठ संगठनों ने अनेक बार ‘फेसबुक’ को ऐसी पोस्‍ट अथवा पेज बंद करने की विनती की थी; परंतु उस संबंध में ‘फेसबुक’ ने कभी कार्यवाही नहीं की है, यह ‘फेसबुक’ का पक्षपात ही है ।

२. हिन्‍दू जनजागृति समिति का अधिकृत ‘पेज’ भी इसी प्रकार वर्ष 2012 में कोई भी कारण बताए बिना ‘फेसबुक’ ने बंद कर दिया था । इससे भी ‘फेसबुक’ का हिन्‍दूद्वेष स्‍पष्‍ट दिखाई देता है । विधायक टी. राजासिंह जनप्रतिनिधि हैं, उनका ‘पेज’ बंद करने से सामान्‍य जनता को उनसे सीधे संवाद कर समस्‍या सुलझाना कठिन होगा । इसलिए भारत सरकार ‘फेसबुक’ की इस हिन्‍दू विरोधी मुंहजोरी पर प्रतिबंध लगाए, ऐसी हमारी केंद्र सरकार से मांग है ।

३. विधायक टी. राजासिंह का फेसबुक पेज बंद करना एक प्रकार से हिन्‍दू जनता की आवाज बंद करने का काम ‘फेसबुक’ कर रहा है । भारत में करोडों रुपए कमानेवाला फेसबुक यदि बहुसंख्‍यक हिन्‍दुआें की आवाज दबाने का प्रयत्न कर रहा हो, तो हिन्‍दू भी ‘फेसबुक’ को बहिष्‍कृत करेंगे, यह ‘फेसबुक’ ध्‍यान में रखे ।