जन्‍माष्‍टमी के शुभदिन सनातन संस्‍था की नेपाली भाषा के जालस्‍थल का उद़्‍घाटन !

सनातन का जालस्‍थल कुल ९ भाषाआें में उपलब्‍ध

सनातन संस्‍था की नेपाली भाषा के जालस्‍थल का लोकार्पण करते हुए डॉ. माधव भट्टराई एवं श्रीमती कांता भट्टराई

मुंबई – सहस्रों वर्षों से भारत और नेपाल के मध्‍य सांस्‍कृतिक और धार्मिक संबंध हैं । ‘हिन्‍दू धर्म’ दोनों देशों का समान है । स्‍वाभाविक ही दोनों देशों के श्रद्धास्रोत, मान्‍यता, त्‍यौहार-उत्‍सव आदि में बडी मात्रा में समानता है । पूरे संसार का हिन्‍दू समाज सनातन संस्‍था के जालस्‍थल का पाठक है । विविध देशों के हिन्‍दुआें का इस जालस्‍थल को बडा प्रतिसाद मिलता है । उनमें से कुछ नेपाली जिज्ञासुआें ने नेपाल के हिन्‍दू समाज को धर्मशिक्षा मिलने के लिए सनातन का जालस्‍थल नेपाली भाषा में भी प्रारंभ करने का ाग्रह किया था । सनातन संस्‍था हिन्‍दू धर्मप्रसार का व्रत लेकर कार्यरत होने के कारण हम यह मांग पूर्ण कर रहे हैं । संपूर्ण संसार के नेपाली भाषियों को धर्मशिक्षा मिलने के लिए हम नेपाली जालस्‍थल आरंभ कर रहे हैं, सनातन संस्‍था के राष्‍ट्रीय प्रवक्‍ता श्री. चेतन राजहंस ने ऐसा कहा ।

१. ११ अगस्‍त को जन्‍माष्‍टमी के शुभदिन पर ‘ऑनलाइन’ कार्यक्रम द्वारा इस जालस्‍थल का उद़्‍घाटन किया गया । इस समय ‘राष्‍ट्रीय धर्मसभा नेपाल’ के अध्‍यक्ष डॉ. माधव भट्टराई और उनकी धर्मपत्नी तथा नेपाल सरकार की भूतपूर्व राज्‍यमंत्री श्रीमती कांता भट्टराई के करकमलों यह उद़्‍घाटन हुआ । इस मंगल प्रसंग पर हिन्‍दू जनजागृति समिति के राष्‍ट्रीय मार्गदर्शक सद़्‍गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी भी देहली से ‘ऑनलाइन’ उपस्‍थित थे ।

२. हिन्‍दी, मराठी, गुजराती, अंग्रेजी, कन्‍नड, तेलुगु, तमिल और मलयालम इन ८ भाषाआें के साथ ही यह जालस्‍थल अब नेपाली भाषा में भी उपलब्‍ध हो गया है । इस जालस्‍थल पर अध्‍यात्‍मविषयक शंकाआें का समाधान करने के लिए ‘ऑनलाइन’ संपर्क की सुविधा भी उपलब्‍ध है । सनातन के जालस्‍थल द्वारा जिज्ञासुआें ने साधना प्रारंभ कर स्‍वयं का जीवन आनंदी बनाया है । इसलिए अधिकाधिक जिज्ञासु इस जालस्‍थल का उपयोग कर साधना प्रारंभ करें, सनातन संस्‍था ने ऐसा आवाहन किया है ।

यह जालस्‍थल ‘हिन्‍दू राष्‍ट्र’ के संबंध में हम सबका दिशादर्शन करेगा ! – डॉ. माधव भट्टराई, अध्‍यक्ष, ‘राष्‍ट्रीय धर्मसभा नेपाल’

जालस्थल का ‘होमपेज’

इस अवसर पर डॉ. माधव भट्टराई बोले, ‘‘सनातन संस्‍था का यह जालस्‍थल हमारे लिए बहुत उपयोगी है, ऐसा हमारे ध्‍यान में आया है । उससे हमें बहुत सहायता मिलेगी । नेपाल में इस प्रकार के धार्मिक जालस्‍थल गिने-चुने ही हैं । यह जालस्‍थल केवल धर्मसंबंधी ज्ञान नहीं, अपितु ‘हिन्‍दू राष्‍ट्र’ के संबंध में हम सबका दिशादर्शन भी करेगा ।’’

भारत-नेपाल देशों की हिन्‍दू राष्‍ट्र स्‍थापना का अभियान आगे बढेगा ! – सद़्‍गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळे

सद़्‍गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी बोले, ‘‘जालस्‍थल पर दी गई हिन्‍दू धर्मशिक्षा आदि जानकारी के माध्‍यम से भारत और नेपाल इन दो देशों के मध्‍य धर्मबंधुत्‍व दृढ होगा । दोनों देशों में चल रहा हिन्‍दू राष्‍ट्र स्‍थापना का अभियान आगे बढेगा ।’’

जालस्‍थल की लिंक : www.Sanatan.org/nepali