‘हिन्दूविरोधी बॉलीवुड का पर्दाफाश’ विषय पर ‘ऑनलाइन’ परिचर्चा का आयोजन

अध्यात्मप्रसार एवं धर्मशिक्षा देनेवाली
सनातन संस्था तथा हिन्दू जनजागृति समिति !

हिन्दू धर्म पर सुनियोजित आघात करने का ‘बॉलिवुड’ का षड्यंत्र ! – अभिनेत्री पायल रोहतगी

फोंडा (गोवा) –‘पीके’ समान फिल्में अथवा ‘पाताललोक’ जैसी वेब सीरीज के माध्यम से हिन्दू धर्म पर सुनियोजित ढंग से आघात करने का ‘बॉलीवुड’ का षड्यंत्र है । अभिव्यक्ति स्वतंत्रता के नाम पर हिन्दू धर्म, देवी-देवता और हिन्दुओं की धार्मिक परंपराओं की धज्जियां उडाई जाती हैं । हिन्दू समाज इस विषय में आवाज नहीं उठाता, इसलिए ‘बॉलीवुड’ में हिन्दू द्रोह को बढावा मिल रहा है । ब्राह्मण को कपटी और बलात्कारी दिखाना, भारत में मुसलमानों पर अत्याचार हो रहे हैं इत्यादि, ऐसा दिखाकर समाज का ‘ब्रेनवॉश’ किया जा रहा है । ‘जय श्रीराम’ के जयघोष की अपकीर्ति करनेवाले बॉलीवुड के लोग आतंकवादियों की विशिष्ट घोषणाओं के विषय में क्यों नहीं बोलते ? यदि बॉलीवुड वास्तव में निष्पक्ष है, तो हिन्दू धर्म की परंपराआें की आलोचना करनेवाले ‘तीन तलाक’ के विषय में क्यों नहीं बोलते ? हिन्दू सहिष्णु हैं, इसलिए इसका अर्थ यह नहीं होता कि उनके आस्थाकेंद्रों के विषय में कुछ भी कहा जाए, ऐसा कहकर अभिनेत्री पायल रोहतगी ने हिन्दूद्वेषी बॉलीवुड का सत्य उजागर किया ।

सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समिति के तत्त्वावधान में १९ जुलाई को आयोजित ‘चर्चा हिन्दू राष्ट्र की’ ऑनलाइन परिसंवाद शृंखला के ‘हिन्दू विरोधी ‘बॉलीवुड’ का पर्दाफाश’ विषय पर ‘विशेष संवाद’ में चलचित्र अभिनेत्री पायल रोहतगी बोल रही थीं ।

हिन्दू धर्म के अवमान के विरुद्ध हिन्दुआें को जागृत
और संगठित होकर लडाई लडनी चाहिए ! – रमेश सोलंकी

‘डी गैंग’ के पैसे को सफेद बनाने का माध्यम है ‘बॉलीवुड’ । मनोरंजन हेतु निर्मल व्यंग न कर हिन्दू धर्म व परंपराआें पर अश्‍लील व्यंग किया जाता है । ‘मैं ही कुछ क्यों करूं ?’, इस संकीर्ण वृत्ति के कारण हिन्दू धर्म का अनादर होते हुए भी हिन्दू शांत रहते हैं । इस संदर्भ में पुलिस प्रशासन से शिकायत करने पर भी तत्परता के साथ उसका संज्ञान नहीं लिया जाता । ‘क्या इस देश में विधि-व्यवस्था का अस्तित्व है ?’ और भले ही नियम हों; परंतु क्या वे केवल हिन्दुआें के लिए ही हैं ?’, ये प्रश्‍न उठते हैं । मनोरंजन के क्षेत्र में हिन्दू धर्म के हो रहे अनादर के विरुद्ध हिन्दुआें को संगठित रूप से संघर्ष करना पडेगा ।

धर्मकार्य करनेवालों का साथ दें !

‘‘सामाजिक माध्यमों अथवा फिल्मों के माध्यम से हो रहा हिन्दुआें का हनन रोकने हेतु मैं कार्यरत हूं; इसलिए मुझे वामपंथी, समाजवादी, साथ ही शहरी नक्सलियों से जान से मारने की धमकियां मिलती हैं; परंतु उन्हें भीख न डालते हुए मैं अपना कार्य जारी रखूंगा । हिन्दू धर्म की आलोचना करनेवालों को बहुत पैसे मिलते हैं । हमें धर्मरक्षा हेतु पैसे नहीं चाहिए; अपितु हिन्दू समाज का साथ चाहिए । हिन्दू यदि संगठित हुए, तो निश्‍चित रूप से धर्मविरोधी शक्तियों पर लगाम लगाई जा सकती है’’, ऐसा भी श्री. सोलंकी ने कहा ।

‘वेब सीरीज’ एवं ‘ओटीटी एप्स’ पर सरकार का नियंत्रण आवश्यक ! – रमेश शिंदे

‘‘जिस रजा अकादमी ने मुंबई में वर्ष २०१२ में दंगे करवाए थे, उसकी मांग ‘मुहम्मद : द मेसेंजर ऑफ गॉड’ इस फिल्म पर बंदी लाने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने तुरंत ही अनुमोदन (सिफारिश की) किया; परंतु हिन्दू धर्म पर आघात करनेवाली फिल्मों का हिन्दू भले ही कितना भी विरोध करें, तब भी सरकार कोई कार्यवाही नहीं करती । कानून का बंधन न होने से ‘ओटीटी’ प्लैटफॉर्म्स पर अत्यंत आक्षेपजनक, हिन्दू विरोधी, देश विरोधी एवं सैन्य विरोधी ‘वेब सीरीज’ प्रसारित हो रही है । ‘कोर्ट मार्शल’, ‘कोड एम्’ इन वेब सीरीज में तो भारतीय सेना को समलैंगिक दिखाया है । सरकार ने ऐसी ‘वेब सीरीज’ एवं ‘ओटीटी प्लैटफॉर्म्स’ को केंद्रीय फिल्म परिनिरीक्षण मंडल के नियंत्रण में लाना चाहिए ।

‘आईआईएम’ के प्रा. शर्मा के एक शोध के अनुसार बॉलीवुड के ७४ प्रतिशत फिल्मों में सिख समाज की हास्यास्पद प्रतिमा बनाई गई है, ५८ प्रतिशत फिल्मों से भ्रष्ट राजनैतिक व्यक्ति का ब्राह्मण होना दिखाया गया । फिल्मों में भारतीय नागरिक अर्थात हिन्दुआें को संकीर्ण विचारधारावाला दिखाया जाता है । वामपंथी और जिहादी मिलकर बॉलीवुड में हिन्दूद्वेष फैला रहे हैं ।

इस्लामीकरण करने के षड्यंत्र में बॉलीवुड की बडी भूमिका ! – अधिवक्ता सुभाष झा

बॉलीवुड जिहादियों का अड्डा बन चुका है । बॉलीवुड के फिल्मों में ‘लव जिहाद’ को बढावा दिया जाता है । भारत का इस्लामीकरण करने के षड्यंत्र में बॉलीवुड की बडी भूमिका है । हाजी मस्तान, दाऊद इब्राहिम जैसे ‘अंडरवर्ल्ड’ (आपराधिक जगत) के गुंडों ने बॉलीवुड को आर्थिक सहायता देकर सुनियोजित पद्धति से ‘खान’ नाम के अभिनेताआें को प्रस्थापित किया है । बॉलीवुड के इस जिहादी अंग की जांच राष्ट्रीय अन्वेषण विभाग (‘एनआईए’) को सौंप देनी चाहिए । बॉलीवुड का मुख्य केंद्र केवल मुंबई को ही न रखकर देश के अन्य भागों में भी केंद्र स्थापित कर स्थानीय गुणवत्ता को प्रोत्साहन दिया जाना
चाहिए । अन्य व्यवसायों की भांति बॉलीवुड पर नियंत्रण रखने हेतु नियामक विभाग होना चाहिए ।

हिन्दूद्वेषी बॉलीवुड पर नियंत्रण रखने के लिए नियामक विभाग
गठित करने के संदर्भ में १ सहस्र २०० से भी अधिक ‘ऑनलाइन इ-मेल’ याचिकाएं

हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से जालस्थल पर ‘हिन्दूद्वेषी बॉलीवुड पर नियंत्रण रखने के लिए नियामक विभाग गठित किया जाए’, इस मांग को लेकर हस्ताक्षर अभियान चलाया गया, जिसका अच्छा प्रत्युत्तर प्राप्त हुआ । इस विषय पर एक ही दिन में १ सहस्र २०० से अधिक धर्मप्रेमियों ने संबंधित विभाग के पास ‘ऑनलाइन इ-मेल याचिकाएं’ प्रविष्ट कीं । इस परिचर्चा के उपलक्ष्य में ट्वीटर पर ‘#Censor_Web_Series’ ‘हैशटैग ट्रेंड’ हुआ । वह पहले स्थान पर था । इस ट्रेंड में १ लाख से अधिक ट्वीट किए गए ।

‘सुशांत सिंह राजपूत के निधन के संबंध में अनेक प्रश्‍न उपस्थित हुए हैं; इसलिए पायल रोहतगी ने इस प्रकरण की सीबीआई जांच की मांग की ।