सर्वत्र के पाठकों, हितचिंतकों एवं धर्मप्रेमियों से विनम्र अनुरोध
पूरे भारत के सौरऊर्जा व्यवसायी १ ‘किलोवाट’ से लेकर २५ ‘किलोवाट’ तक की क्षमतावाले स्वतंत्र सौरतंत्र आश्रम में निःशुल्क अथवा अल्प मूल्य में स्थापित (‘इन्स्टॉल’) कराकर सनातन के राष्ट्र एवं धर्म के कार्य में योगदान कर सकते हैं । |
१. सनातन संस्था का संकटकाल की पूर्वतैयारी के रूप में पूरे
भारत के आश्रम एवं सेवाकेंद्रों में ‘सौरऊर्जा परियोजना’ बनाने का मानस !
‘बिजली’ मनुष्य जीवन का अत्यावश्यक घटक है । संकटकालीन स्थिति में बिजली के अभाव में सभी को असुविधा होती है । ऐसे समय में सौरऊर्जा पर चलनेवाले उपकरणों का उपयोग करना आवश्यक होता है । संकटकालीन स्थिति कब उत्पन्न हो जाए, कहा नहीं जा सकता । इसलिए संकटकाल की पूर्वतैयारी के रूप में सनातन के पूरे भारत के आश्रम और सेवाकेंद्रों में ‘सौरऊर्जा परियोजना’ बनाने का संस्था का मानस है । उपलब्ध छत का उपयोग कर तत्परता से यह व्यवस्था की जानेवाली है ।
२. सौरऊर्जा के उपयोग से मिलनेवाले लाभ
सौरऊर्जा परियोजना एक प्रकार से जीवनभर का निवेश (‘लाइफ टाइम इनवेस्टमेंट’) है । इस ऊर्जा के कारण बडी मात्रा में बिजली की बचत होती है । यह व्यवस्था कर संकटकाल की दृष्टि से आत्मनिर्भर बनने का संस्था का प्रयास है । इससे आनेवाले समय में संस्था का राष्ट्ररक्षा एवं धर्मजागृति का कार्य बिना किसी बाधा के चलता रहेगा ।
३. सनातन के आश्रमों में सौरऊर्जा की परियोजना २ चरणों में
खडी की जाएगी और उसके लिए अनुमानित २.५ करोड रुपए का व्यय होगा !
कुछ हितचिंतकों ने इससे पहले ही इस परियोजना को बनाने में सहायता करने की इच्छा व्यक्त की है । कुल मिलाकर सर्वत्र के आश्रम और सेवाकेंद्रों में आवश्यक छोटी-बडी प्रस्तावित परियोजना के विस्तार को ध्यान में लेते हुए इसके लिए बडी मात्रा में धनराशि की आवश्यकता होगी । पहले चरण में कुल १५० ‘किलोवाट’ क्षमता तक की सौरऊर्जा परियोजना खडी की जानेवाली है । ये परियोजनाएं ‘हाईब्रिड’ (बैटरी पर संचालित, साथ ही सूर्यप्रकाश न होने से बिजली पर चलनेवाली परियोजना) पद्धति से खडी की जाएगी और उसका अनुमानित व्यय १.५ करोड रुपए है ।
दूसरे चरण में भूमि की उपलब्धता के अनुसार १०० ‘किलोवाट’ क्षमतावाली परियोजना बनानी है तथा उसके लिए १ करोड रुपए का व्यय होगा । जितने ‘किलोवाट’ क्षमता की व्यवस्था करनी होती है, उतने लाख रुपए का व्यय लगता है । इसका अर्थ १ ‘किलोवाट’ क्षमता की परियोजना बनानी हो, तो उसके लिए १ लाख रुपए का व्यय लगेगा । पाठक, हितचिंंतक और धर्मप्रेमी उक्त दोनों चरणों के लिए बनाई जानेवाली ‘सौरऊर्जा परियोजनाआें’ के लिए अपनी क्षमता के अनुरूप धन के रूप में सहायता कर सकते हैं ।
४. ‘सौरऊर्जा परियोजनाआें’ के लिए सौर उपकरणों की भी आवश्यकता !
इन परियोजनाआें को बनाने में ‘विक्रम’ (Vikram), ‘वारी’ (WAAREE), ‘अदानी’ (Adani), ‘सोलरेज’ (Solaredge), ‘टाटा पॉवर सोलर’ (Tata Power Solar) आदि मान्यता प्राप्त प्रतिष्ठानों के उपकरणों की भी (‘पैनल्स’ , ‘इनवर्टर’, ‘बैटरी’, केबल्स इत्यादि की) आवश्यकता है ।
जो पाठक, हितचिंंतक और धर्मप्रेमी ‘सौरऊर्जा परियोजनाएं’ बनाने हेतु सौर उपकरण उपलब्ध करवा सकते हैं अथवा धन के रूप में सहायता कर सकते हैं, वे निम्नांकित क्रमांक पर संपर्क करें ।
नाम एवं संपर्क क्रमांक : श्रीमती भाग्यश्री सावंत – ७०५८८८५६१०
संगणकीय पता : sanatan.sanstha२०२५@gmail.com
डाक के लिए पता : श्रीमती भाग्यश्री सावंत, द्वारा ‘सनातन आश्रम’, २४/बी, रामनाथी, बांदिवडे, फोंडा, गोवा पिन – ४०३ ४०१
इसके लिए धनादेश देना हो, तो ‘सनातन संस्था’ नाम से दें ।
राष्ट्ररक्षा एवं धर्मजागृति के कार्य हेतु निःस्वार्थ भाव से कार्य करनेवाली सनातन संस्था के आश्रमों में ‘सौरऊर्जा परियोजना’ बनाने हेतु कृपया सहायता कर इस कार्य में यथाशक्ति योगदान करें !’
– श्री. वीरेंद्र मराठे, व्यवस्थापकीय न्यासी, सनातन संस्था. (१३.७.२०२०)