पाक के समर्थन के बल पर ही अलगाववादी कश्मीर में सक्रिय हैं, इसलिए पाक उन्हें पुरस्कार दे रहा है , यह एक बार पुनः स्पष्ट दिख रहा है ! भारत गिलानी को पाक न जाने दे और यदि वे जाते हैं, तो उन्हें वापस न आने दे, ऐसा राष्ट्रप्रेमियों को लगता है !
इस्लामाबाद (पाकिस्तान) – पाक की संसद ने कश्मीर के अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी को पाक का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘निशान-ए-पाकिस्तान’ देने का प्रस्ताव पारित किया है ।
Pakistan gives Nishan-e-Pakistan award to Kashmiri radical Islamist Syed Ali Shah Geelani, wants his ‘struggles’ included in school curriculumhttps://t.co/LNjkLS4Ias
— OpIndia.com (@OpIndia_com) July 28, 2020
सैयद अली शाह गिलानी के अभी तक के जीवन की जो (अलगाववादी) यात्रा है, विद्यालयीन पाठ्यक्रम में उसका समावेश करने तथा इस्लामाबाद के एक अभियांत्रिकी विश्वविद्यालय को गिलानी का नाम देने की अनुशंसा की गई है । सैयद अली शाह गिलानी के ‘हुर्रियत कॉन्फरेंस’ नामक अलगाववादी संगठन से त्यागपत्र देने की घोषणा करने के उपरांत यह प्रस्ताव पारित किया गया । ९० वर्षीय गिलानी ने लंबे समय तक ‘हुर्रियत’ का नेतृत्व किया है ।