हिन्दुुत्वनिष्ठों के अपूर्व उत्साह में ‘ऑनलाइन’ नवम ‘अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’ का उद़्घाटन
फोंडा (गोवा) – हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद़्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी ने अधिवेशन में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा, ‘कोरोना महामारी के काल में तबलीगी जमात ने ‘कोरोना वाहक’ की भूमिका निभाई, जबकि अनेक हिन्दुुत्वनिष्ठ संगठनों ने ‘कोरोना योद्धा’ बनकर समाजसेवा की । इस काल में संपूर्ण विश्व ने अभिवादन के लिए नमस्कार की पद्धति, योग, शाकाहार, प्राणायाम आदि हिन्दू धर्म के तत्त्व अपनाए । कोरोना के निमित्त संपूर्ण जग तीसरे विश्वयुद्ध की ओर अग्रसर है । भारत में भी आंतरिक विरोध उभरकर आ रहा है । कुछ माह पूर्व सरकार द्वारा इस्लामी देशों के पीडित हिन्दुआें के लिए नागरिकता संशोधन अधिनियम लागू किया गया; परंतु देश विरोधी शक्तियों ने उसका तीव्र विरोध किया । आज देश की मंदिर संस्कृति पर आघात किया जा रहा है । आनेवाले समय में देश को जिहादी, वामपंथी और ‘सेक्युलर’ शक्तियों का सामना करना पडेगा, इससे स्पष्ट है । कुल मिलाकर आज के समय में राजनीति, शिक्षाक्षेत्र, प्रसारमाध्यम, कला आदि सभी क्षेत्रों में देशभक्त एवं धर्मप्रेमी विरुद्ध देशद्रोही एवं धर्म विरोधी ध्रुवीकरण हो रहा है । इस वैचारिक ध्रुवीकरण के समय में प्रभावी रूप से हिन्दू धर्म का पक्ष लेकर हिन्दू राष्ट्र की दिशा में अग्रसर हों ।’
शंखनाद और वेदमंत्र का पाठ कर ‘ऑनलाइन’ पद्धति से आयोजित नवम ‘अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’ का आरंभ हुआ । सनातन पुरोहित पाठशाला के पुरोहित श्री. ईशान जोशी ने शंखनाद किया । पुरोहित श्री. अमर जोशी और श्री. ईशान जोशी ने वेदमंत्र का पाठ किया । सद़्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी के करकमलों से दीपप्रज्वलन किया गया ।
तत्पश्चात इस अधिवेशन के उपलक्ष्य में सनातन संस्था के धर्मप्रचारक सद़्गुरु सत्यवान कदमजी ने सनातन संस्था के संस्थापक तथा हिन्दू जनजागृति समिति के प्रेरणास्रोत परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी का संदेश पढकर सुनाया । सनातन संस्था के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. चेतन राजहंस ने अधिवेशन का उद्देश्य स्पष्ट करते हुए कहा, ‘‘पूरे विश्व में १०० करोड हिन्दुआें का एक भी आधिकारिक राष्ट्र नहीं है । भारत एवं नेपाल ये दोनों आधिकारिक रूप से हिन्दू राष्ट्र बनें; इस उद्देश्य से यह अधिवेशन आयोजित किया जा रहा है । अतः प्रत्येक घर और प्रत्येक मन तक हिन्दू राष्ट्र का विचार पहुंचाने के लिए सक्रिय हों ।’’
प्रति वर्ष फोंडा, गोवा में होनेवाला अधिवेशन भले ही इस वर्ष कोरोना महामारी के कारण ‘ऑनलाइन’ पद्धति से हो रहा हो; परंतु तब भी हिन्दुत्वनिष्ठों, धर्मप्रेमियों और राष्ट्रप्रेमियों का उत्साह तनिक भी घटा नहीं है । इसके विपरीत देश स्तर पर इस अधिवेशन का बडी मात्रा में प्रसार हुआ । इस अधिवेशन के उपलक्ष्य में ट्वीटर पर भी #We_Want_Hindu_Rashtra हैशटैग के माध्यम से हिन्दू राष्ट्र की चर्चा होने की बात सामने आई ।
‘नागरिकता संशोधन अधिनियम’ बनने में समिति का भी योगदान !वर्ष २०१४ में आयोजित ‘अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’ में ‘पाकिस्तान एवं बांग्लादेश के पीडित हिन्दुआें को भारत की नागरिकता मिले’ ऐसा प्रस्ताव एक मत से पारित किया गया था । केंद्र सरकार को यह प्रस्ताव मिलते ही एक महीने में केंद्र सरकार ने देहली में पाकिस्तान से विस्थापित हिन्दुआें के लिए कार्य करनेवाले संगठनों की बैठक आयोजित की । इस बैठक में ‘अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’ के आयोजक के नाते हिन्दू जनजागृति समिति को भी आमंत्रित किया गया था । इस बैठक में समिति ने शरणार्थी पाकिस्तानी हिन्दुआें को भारत की नागरिकता मिले, यह ठोस भूमिका रखी । आगे जाकर यही बैठक नागरिकता संशोधन अधिनियम के प्रारूप की बैठक के रूप में सिद्ध हुई । ‘नागरिकता अधिनियम – १९५५’ में बांग्लादेश का उल्लेख नहीं था; क्योंकि उस समय बांग्लादेश स्वतंत्र नहीं था । इस बैठक में समिति ने बांग्लादेशी शरणार्थी हिन्दुआें को भी भारत की नागरिकता दिलाने की मांग की । तत्पश्चात केंद्र सरकार ने केंद्रीय बैठक का आयोजन करने का आश्वासन दिया । इस पर केंद्र सरकार ने समिति से बांग्लादेशी हिन्दुआें के लिए कार्य करनेवाले संगठनों की जानकारी मांगी । तत्पश्चात अगले ६ वर्ष में नागरिकता संशोधन अधिनियम में बांग्लादेश, साथ ही अफगानिस्तान को भी अंतर्भूत होते हुए हमने देखा । कुल मिलाकर ‘नागरिकता संशोधन अधिनियम’ को एक प्रकार से ‘अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’ की फलोत्पत्ति कहा जा सकता है । – सद़्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी |
ऑनलाइन ‘अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’ ३० जुलाई से २ अगस्त और ६ से ९ अगस्त की अवधि में प्रतिदिन सायं. ६.३० से ८.३० की अवधि में ऑनलाइन ‘अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’ होगा । नीचे दी गई लिंक्स पर सीधा प्रसारण देख सकते हैं । हिन्दू जनजागृति समिति ने सभी को इसका लाभ लेने का अवाहन किया है । YouTube Channel : HinduJagruti ‘फेसबुक’ द्वारा किया सीधा प्रसारण ४४ सहस्र से भी अधिक लोगों ने देखा, २ लाख ७१ सहस्र ५६३ लोगों तक यह विषय पहुंचा । साथ ही यू ट्यूब के द्वारा १० सहस्र ४३१ लोगों ने इसका सीधा प्रसारण देखा । |