केरल में स्वयं की अवयस्क पुत्री का ३ वर्ष यौन शोषण करनेवाला मदरसे का शिक्षक गिरफ्तार

  • ऐसे लोगों को शरीयत कानून के अनुसार हाथ-पैर तोडकर भरे हुए चौक पर फांसी का दंड देने की मांग की जाए, तो आश्‍चर्य नहीं होना चाहिए ! अन्य समय शरीयत के कानून का आधार लेकर देश में स्वयं का अलग महत्त्व दिखानेवाले धर्मांध दंड के समय शरीयत के अनुसार दंड देने की मांग नहीं करते, यह ध्यान में रखें !
  • देश की अधिकतर राज्य सरकारें और केंद्र सरकार भी मदरसों को करोडों रुपयों का अनुदान देकर धर्मनिरपेक्षता दिखाने का प्रयास करती हैं; परंतु मदरसों से आतंकवादी बनते हैं, यह ध्यान में होते हुए तथा मदरसे वासनांधों के अड्डे बने दिखने पर भी उन पर कोई कार्यवाही नहीं करतीं, यह ध्यान में रखें !

कासारगोड (केरल) – स्वयं की १६ वर्षीय पुत्री का गत ३ वर्षों से यौन शोषण करने के प्रकरण में पुलिस ने नीलेश्‍व क्षेत्र के एक मदरसे के ५० वर्षीय शिक्षक को गिरफ्तार किया है । इस लडकी पर उसके पिता सहित अन्य ६ जनों ने भी बलात्कार किया है । इस प्रकरण में पुलिस ने रियास, एजाज और मोहम्मद अली इन तीनों को बंदी बनाया है तथा अन्य तीनों की खोज की जा रही है । मदरसे के इस शिक्षक पर इससे पूर्व वर्ष २०१७ में ४ अवयस्क लडकों का यौन शोषण करने का आरोप लगाया गया था । उसमें उसे जमानत पर छोडा गया था । (सरकार ने उसी समय उसे कठोर दंड देने के लिए प्रयास किए होते, तो अगला अपराध नहीं होता ! – संपादक)

पुलिस लडकी का गर्भपात करनेवाले डॉक्टर से भी पूछताछ कर रही है । लडकी के मामा द्वारा शिकायत करने के उपरांत इन सब पर कार्यवाही की गई । लडकी की मां को इसकी जानकारी थी; परंतु उसने शिकायत नहीं की ।