लद्दाख सीमा पर पैंगोंग झील के ‘फिंगर ४’ से पीछे हटने से चीन ने किया इनकार

चीन को उसकी महत्त्वाकांक्षा पूरी करनी है; इसलिए वह पीछे हट जाएगा, ऐसा नहीं होगा । उसके लिए चीन को उसी की भाषा में उत्तर देकर पीछे हटने के लिए बाध्‍य करना होगा !

लद्दाख में फिंगर 4 से पीछे हटने से चीन की मनाही

लेह (लद्दाख) – पूर्व लद्दाख में कुल ४ स्‍थानों पर भारतीय और चीनी सेना एक-दूसरे के सामने आई थीं । उनमें स्‍थित गलवान घाटी, हॉट स्‍प्रिंग एवं ग्रोगा, इन ३ स्‍थानों से चीनी सेना पीछे हट गई है; परंतु पैंगोंग टीएस्‌ओ तालाब क्षेत्र के निकट स्‍थित ‘फिंगर ४’ से पीछे हटने से चीन ने मना कर दिया है । बताया जा रहा है कि इसके कारण अब ‘पुनः एक बार भारत और चीन की सेनाआें में घमासान हो सकता है ।’ इसलिए चीन को तुरंत उत्तर देने हेतु भारतीय सेना ने सीमा पर टैंकों की संख्‍या बढा दी है ।

१. १४ जुलाई को सवेरे कॉर्प्‍स कमांडर स्‍तर के वरिष्‍ठ अधिकारियों में १५ घंटे तक चर्चा हुई । इसमें चीनी अधिकारियों ने ‘फिंगर ४’ से पीछे हटने से मना किया । भारत का यह कहना है कि ‘अप्रैल महीने के मध्‍य में जैसी स्‍थिति थी, वैसी पूर्ववत करें ।’ पहले भारतीय सेना ‘फिंगर ८’ तक गश्‍त लगाती थी; परंतु चीनी सेना ने ‘फिंगर ४’ तक घुसपैठ की है । ‘चीन को पहले की स्‍थिति के अनुसार ‘फिंगर ४’ तक पीछे हटना चाहिए’, यह भारत की मांग है ।

२. १७ एवं १८ जुलाई को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह लद्दाख और जम्‍मू-कश्‍मीर की यात्रा करनेवाले हैं । उत्तर कमांड के लेफ्‍टिनेंट जनरल वाईके जोशी देहली आए हैं । वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर उन्‍हें नियंत्रण रेखा के पास की स्‍थिति की जानकारी देंगे ।